पेरिस ओलंपिक के मेडल की क्या है कीमत? एफिल टावर के टुकड़े का भी किया गया इस्तेमाल
पेरिस ओलंपिक गेम्स 2024 की शुरूआत हो चुकी है। हर एथलीट का सपना होता है कि उसे कम से कम एक बार ओलंपिक में खेलने का मौका मिले। किसी भी एथलीट का जीवन तब सही मायने में सफल हो जाता है, जब उसे गोल्ड जीतकर चैंपियन बनने का अवसर प्राप्त होता है।
पेरिस ओलंपिक गेम्स 2024 की शुरूआत हो चुकी है। हर एथलीट का सपना होता है कि उसे कम से कम एक बार ओलंपिक में खेलने का मौका मिले। किसी भी एथलीट का जीवन तब सही मायने में सफल हो जाता है, जब उसे गोल्ड जीतकर चैंपियन बनने का अवसर प्राप्त होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि खिलाड़ियों को मिलने वाला गोल्ड मेडल क्या सच में गोल्ड से बना होता है?
पेरिस ओलंपिक में 206 देशों के दस हजार पांच सौ (10500) एथलीट मेडल की रेस में शामिल होंगे। इस मेडल को जीतने के लिए हर देश का खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करेगा। ओलंपिक में तीन तरह के मेडल होते हैं। सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले को गोल्ड, उसके बाद सिल्वर और तीसरे स्थान पर आने वाले को ब्रॉन्ज मेडल दिया जाता है। पेरिस ओलंपिक के लिए बनाए मेडल कुछ अलग होने के साथ ही साथ काफी खास भी हैं। बता दें कि इस बार पेरिस ओलिंपिक के लिए तैयार किए गए मेडल में एफिल टावर के लोहे का टुकड़ा लगाया गया है. हर मेडल में लगे एफिल टावर के टुकड़े का वजन 18 ग्राम है. इसकी मोटाई 9.2 एमएम है जबकि डायमीटर 85 एमएम होगी.अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अनुसार, एक स्वर्ण पदक कम से कम 92.5% चांदी से बना होता है और उस पर लगभग 6 ग्राम शुद्ध सोना चढ़ाया जाता है। इसकी कीमत लगभग 758 डॉलर या लगभग ₹63,501.72 होती है। ओलंपिक में पूरी तरह से गोल्ड से बने मेडल सिर्फ 1992 के स्टॉकहोम ओलंपिक में दिए गए थे।
ओलंपिक की मेजबानी करना किसी भी देश के लिए आसान बात नहीं होती। इस बार पेरिस ओलंपिक के आयोजन के लिए कुल 61,500 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इस बार पेरिस के अलावा फ्रांस के 16 अलग-अलग शहरों में ओलंपिक खेलों का आयोजन किया जाएगा।
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