काफिला छोड़कर बैलगाड़ी चलाने लगे मुख्यमंत्री नायब सैनी, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फोटो

मुख्यमंत्री बनने के बाद कईं प्रकार की नई परिपाटी की शुरूआत करने वाले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का जींद में एक नया चेहरा दिखाई दिया है। जींद के निडानी गांव से गुजरते समय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अपने काफिले को छोड़कर सड़क से गुजर रही एक बैलगाड़ी में बैठ गए।

Aug 29, 2024 - 08:30
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काफिला छोड़कर बैलगाड़ी चलाने लगे मुख्यमंत्री नायब सैनी, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फोटो
काफिला छोड़कर बैलगाड़ी चलाने लगे मुख्यमंत्री नायब सैनी, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फोटो

चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़:

मुख्यमंत्री बनने के बाद कईं प्रकार की नई परिपाटी की शुरूआत करने वाले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का जींद में एक नया चेहरा दिखाई दिया है। जींद के निडानी गांव से गुजरते समय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अपने काफिले को छोड़कर सड़क से गुजर रही एक बैलगाड़ी में बैठ गए। मुख्यमंत्री ने ना केवल बैलगाड़ी की सवारी की, बल्कि खुद ही बैलगाड़ी चलाई भी। हालांकि इस दौरान बैलगाड़ी लेकर जाने वाली महिला उनकी बगल में ही बैठी रही। मुख्यमंत्री की ओर से की गई बैलगाड़ी की सवारी की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हर कोई इसे लेकर चर्चा करने में लगा है। पुंडरी से जींद जाते समय मुख्यमंत्री नायब सिंह और प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ोली ने बैलगाड़ी से सफ़र कर गांव में कृषि क्षेत्र से जुड़ी मातृ शक्ति से बातचीत कर उनकी समस्याओं को जाना। जींद से मुख्यमंत्री समालखा के लिए निकल गए। 

खोखे पर खुद बनाकर पी थी चाय

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को जब भी मौका मिलता है, वह जनता के बीच जाने से गुरेज नहीं करते। कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री की एक खोखे पर खुद चाय बनाकर पीने के अलावा वहां मौजूद अन्य लोगों को चाय पिलाने की वीडियो और फोटो भी वायरल हुई थी। इसके अलावा मुख्यमंत्री को जब भी जनता के बीच जाने का मौका मिलता है तो वह इससे चूकते नहीं, बल्कि खुद जनता के बीच जाकर उनकी तकलीफ को सुनते हैं।

जनसंपर्क को विस्तार दे रहे सीएम सैनी

नायब सिंह सैनी ने अपने संगठनात्मक अनुभव पर चलते हुए जनता से मिलने के लिए मुख्यमंत्री आवास के दरवाजे 24 घंटे के लिए खोल दिए है। उनका दावा है कि वह रोजाना 6 से 8 हजार लोगों से मिलते हैं। इसके लिए वह समय की भी परवाह नहीं करते। सीएम सैनी जनता के बीच लगातार बने रहने के लिए जनसंपर्क कर रहे हैं। उन्होंने बताया है कि उनका दिन सुबह 7 बजे से शुरू होकर सुबह 4 बजे तक चलता है और वे लोगों से ही मिलते हैं। इसके बाद वे रात भर सरकारी अधिकारियों, पार्टी नेताओं और आम लोगों से मिलते हैं और कुछ देर की नींद भी लेते हैं। 

हर दिन 6-7 हजार लोगों से कर रहे मुलाकात

सैनी ने कहा था कि वह प्रतिदिन लगभग 6 से 7 हजार लोगों से मिलते हैं। यदि वह आधिकारिक आवास पर हो तो हर दिन लोगों से मिलने के लिए चार शिफ्ट निर्धारित की गई हैं। हाल ही में हुई एक घटना को याद करते हुए उन्होंने कहा कि रोहतक से लगभग 10-15 लोगों का एक समूह उनके आवास पर सिर्फ यह देखने के लिए आया था कि क्या वह वास्तव में आधी रात को लोगों से मिल रहे हैं जैसा कि उन्होंने वादा किया था। सीएम ने कहा कि मैंने खुलेआम घोषणा की थी कि मैं रात 12 बजे भी आपातकालीन स्थिति लोगों से मिलने के लिए उपलब्ध रहूंगा। एक रात, मेरे कर्मचारियों ने आधी रात को मुझे बताया कि 10-15 लोग मुझसे मिलने आए हैं। मैं उनसे मिलने के लिए तैयार हो गया और उनसे पूछा कि वे किस आपातकालीन स्थिति में मुझसे मिलने आए हैं। उन्होंने कहा कि कोई आपातकालीन स्थिति नहीं थी। हम बस यह देखने आए थे कि क्या आप वास्तव में रात 12 बजे लोगों से मिलते हैं या नहीं। सीएम ने यह भी बताया कि ज़्यादातर लोग स्थानीय विवादों, बिजली और पानी की समस्याओं और पुलिस की निष्क्रियता को हल करने के लिए उनसे मिलते हैं।

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