सीएम मान ने राजपुरा में तहसील परिसर का किया औचक निरीक्षण, अफसरों को पूरी लगन से काम करने की दी हिदायत
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने स्थानीय तहसील परिसर का अचानक दौरा किया और लोगों को नागरिक केंद्रित सेवाओं की डिलीवरी का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने तहसीलदार कार्यालय का दौरा किया और कार्यालय में चल रही रजिस्ट्री प्रक्रिया को देखा। उन्होंने लोगों के साथ विस्तृत बातचीत भी की, जिन्होंने लोगों को पूर्णतया विश्वसनीय सेवाएं प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री और उनकी सरकार की सराहना की। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार के कुशल कामकाज के लिए लोगों की प्रतिक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण है और इस तंत्र को हर तरह से बढ़ावा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार तुहाड़े द्वार राज्य सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य लोगों को उनके घर-द्वार पर सेवाएं प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत ही उन्होंने परिसर में सरकारी कार्यालयों का निरीक्षण किया और जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन किया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों ने उन्हें कार्यालयों की कार्यप्रणाली से अवगत कराया था, जिसके चलते उन्होंने लोगों की भलाई के लिए यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि अब अधिकांश अधिकारी काम के समय अपने कार्यालयों में बैठते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य अधिकारियों की किसी भी तरह की गलती निकालना नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य सरकारी कार्यालयों में कामकाज को और अधिक सुचारू बनाना है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों ने पहली बार देखा है कि राज्य का कोई मुख्यमंत्री सरकारी दफ्तरों का दौरा कर रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसका उद्देश्य राज्य के लोगों की भलाई सुनिश्चित करना है और उन्हें हर तरह से नागरिक केंद्रित सेवाएं सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी अधिकारियों को अपने कर्तव्यों का ईमानदारी व सतर्कता से पालन करना चाहिए ताकि लोगों को सरकारी कार्यालयों में आने-जाने में किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों को परेशानी मुक्त सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो इस हाईटेक युग में समय की मांग है। भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह किसी भी समय किसी भी सरकारी कार्यालय, स्कूल या अस्पताल का दौरा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कर्तव्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही अस्वीकार्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता लोगों के दैनिक कार्यालयीन कार्यों का शीघ्र निपटारा तथा परेशानी मुक्त सेवाएं सुनिश्चित करना है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जिला स्तर पर सीएम विंडो/सहायता केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जहां प्रशासनिक अधिकारी आम जनता की समस्याओं के समाधान में मदद करेंगे।
उन्होंने कहा कि जिला स्तर के मुद्दों का मौके पर ही समाधान किया जाएगा, जबकि अन्य मुद्दों को मुख्यालय पर आवश्यक कार्रवाई के लिए संबंधित विभागों को भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई है तथा इस बुराई को समाप्त करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के लोगों को स्वच्छ, प्रभावी और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आजादी के बाद राज्य में पहली बार भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम शुरू की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भूमि एवं संपत्ति के पंजीकरण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की शर्त को समाप्त करने के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के कगार पर है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय का एकमात्र उद्देश्य आम जनता को सुविधा प्रदान करना है, क्योंकि अवैध कालोनाइजर लोगों को सब्जबाग दिखाकर ठगते हैं और अपनी गैर स्वीकृत कालोनियां उन्हें बेच देते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन कॉलोनियों में बुनियादी नागरिक सुविधाएं पाने के लिए असहाय लोगों को दर-दर भटकना पड़ता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आम आदमी के हितों की रक्षा करेगी।
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