‘हमारे पास कोई सबूत नहीं’, कनाडा ने माना PM मोदी, जयशंकर और डोभाल पर लगाए आरोप बेबुनियाद !

कनाडा सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है, जिनमें दावा किया गया था कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की साजिश की जानकारी थी।

Nov 22, 2024 - 19:27
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‘हमारे पास कोई सबूत नहीं’, कनाडा ने माना PM मोदी, जयशंकर और डोभाल पर लगाए आरोप बेबुनियाद !
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कनाडा सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है, जिनमें दावा किया गया था कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की साजिश की जानकारी थी। कनाडाई अखबार द ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल को भी इस मामले की जानकारी थी।

हालांकि, जस्टिन ट्रूडो सरकार ने शुक्रवार को इन दावों को "बिना सबूत के लगाए गए आरोप" करार दिया। कनाडाई प्रधानमंत्री के इंटेलिजेंस एडवाइजर द्वारा जारी बयान में कहा गया, "इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि कनाडा में आपराधिक गतिविधियों से भारत के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री या NSA का कोई संबंध है।"

हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से भारत-कनाडा में बढ़ा तनाव

खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की जून 2023 में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में हत्या कर दी गई थी। भारत में वांछित निज्जर को आतंकवादी घोषित किया गया था और उनकी गतिविधियां भारतीय सुरक्षा के लिए खतरा मानी जाती थीं।

इस हत्या के बाद जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय एजेंसियों पर इस साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया, जिससे दोनों देशों के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए। भारत ने इन आरोपों को "अधारहीन और राजनीति से प्रेरित" बताते हुए सख्ती से खारिज किया। इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और व्यापारिक वार्ताएं भी रोक दीं।

हालिया घटनाक्रम दोनों देशों के बीच पहले से मौजूद तनाव को और बढ़ा रहा है। भारत ने कनाडा पर खालिस्तान समर्थक गतिविधियों को शरण देने का आरोप लगाया है और इसे अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। दूसरी ओर, कनाडा में भी यह मुद्दा घरेलू राजनीति और अंतरराष्ट्रीय रिश्तों पर असर डाल रहा है।

 

जस्टिन ट्रूडो सरकार के इस बयान के बाद उम्मीद की जा सकती है कि यह विवाद शांत होगा। हालांकि, यह स्पष्ट है कि भारत और कनाडा के संबंध सुधारने के लिए दोनों पक्षों को आगे ठोस कदम उठाने होंगे।

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