हरियाणा में सत्ता का इतिहास रचने के साथ ही BJP ने इस बार तोड़ दिया निर्दलीयों का गढ़, जानिए किस विधायक ने तोड़ा निर्दलीयों का रिकॉर्ड?

हरियाणा में 2024 का विधानसभा चुनाव ना केवल प्रदेश की सत्ता का रिकॉर्ड बनाने में सफल रहा। बल्कि इस चुनाव में बीजेपी ने निर्दलीयों का गढ़ कहे जाने वाली कैथल जिले की पुंडरी विधानसभा सीट पर जीत हासिल कर एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया। बीजेपी के संदीप जांबा ने निर्दलीय उम्मीदवार संदीप भाना को 2197 मतों से पराजित कर पुंडरी विधानसभा में जीत हासिल की।

Oct 9, 2024 - 13:51
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हरियाणा में सत्ता का इतिहास रचने के साथ ही BJP ने इस बार तोड़ दिया निर्दलीयों का गढ़, जानिए किस विधायक ने तोड़ा निर्दलीयों का रिकॉर्ड?
हरियाणा में सत्ता का इतिहास रचने के साथ ही BJP ने इस बार तोड़ दिया निर्दलीयों का गढ़, जानिए किस विधायक ने तोड़ा निर्दलीयों का रिकॉर्ड?
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चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़:

हरियाणा में 2024 का विधानसभा चुनाव ना केवल प्रदेश की सत्ता का रिकॉर्ड बनाने में सफल रहा। बल्कि इस चुनाव में बीजेपी ने निर्दलीयों का गढ़ कहे जाने वाली कैथल जिले की पुंडरी विधानसभा सीट पर जीत हासिल कर एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया। बीजेपी के संदीप जांबा ने निर्दलीय उम्मीदवार संदीप भाना को 2197 मतों से पराजित कर पुंडरी विधानसभा में जीत हासिल की। सतपाल जांबा को 42805 मिले, वहीं, संदीप भाना को 40608 वोट से संतोष करना पड़ा। कांग्रेस के उम्मीदवार सुल्तान डाडौला को 26341 मत मिले हैं।

यहां से कई राजनीतिक दिग्गज स्वतंत्र उम्मीदवारों के रूप में चुनाव लड़ रहे थे और ऐसा माना जा रहा था कि वे विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय दलों के उम्मीदवारों की संभावनाओं को बिगाड़ सकते हैं, लेकिन अंततः इस सीट से बीजेपी ने जीत हासिल की। राज्य की 90 सीटों की तरह ही इस सीट पर भी पांच अक्टूबर को मतदान हुए थे। कैथल जिले में 72.36 प्रतिशत वोट पड़े। मंगलवार को इस सीट पर मतों की गणना हुई।

इस चुनाव में पूर्व विधायक रणधीर सिंह गोलेन और पूर्व कांग्रेस नेता सतवीर भाना जैसी अन्य प्रमुख हस्तियां, दो बार के पूर्व विधायक दिनेश कौशिक जिन्होंने भाजपा छोड़ दी, निर्दलीय उम्मीदवारों में सज्जन सिंह ढुल और अन्य इस सीट से उम्मीदवार थे। सज्जन सिंह ढुल ने 2005 में कांग्रेस के टिकट पर पाई निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में पांच साल बाद एक बार फिर निर्दलीय उम्मीदवार गोलेन, भाना और कौशिक तथा आप उम्मीदवार नरेंद्र शर्मा आमने-सामने थे। उन्होंने 2019 का चुनाव एक-दूसरे के खिलाफ लड़ा था।

भाना ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था, गोलेन ने चुनाव जीता था। आपको बता दें कि पुंडरी राज्य का पुराना शहर है। ऐसा कहा जाता है कि इसका नाम ऋषि पुंडरिक के नाम रखा गया था। पुंडरी फिरनी मिठाई के लिए जाना जाता है। साल 1967 में अस्तित्व में आई इस सीट पर सबसे पहले कांग्रेस के आरपी सिंह विधायक चुने गये थे। इस सीट पर कांग्रेस के विधायकों ने कई बार जीत हासिल की, लेकिन साल 1966 से निर्दलीय जीतते रहे हैं। साल 2019 के विधासनभा चुनाव में निर्दलीय रणधीर सिंह गोलेन विधायक चुने गये थे। उन्हें 41,008 मत के साथ 29.94 फीसदी वोट मिले थे। कांग्रेस के सतवीर भाना को 28,184 मत के साथ 58 फीसदी वोट मिले थे।

साल 2014 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय दिनेश कौशिक विधायक बने। उन्हें 38,312 मत के साथ 27.78 फीसदी वोट मिले। उन्होंने बीजेपी के रणधीर सिंह हराया था, उन्हें 33,480 मत के साथ 24.27 प्रतिशत वोट मिले। साल 2009 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार सुल्तान विधायक चुने गए। उन्हें 38,929 मत के साथ 31.71 प्रतिशत वोट मिले थे। कांग्रेस के उम्मीदवार दिनेश कौशिक को 34,878 मत के साथ 28.41 फीसदी मत वोट मिले थे। इनेलो के सज्जन सिंह को 23,690 मत मिले थे। इन सबके बीच 2024 के इस चुनाव में बीजेपी ने पुंडरी विधानसभा से जीत हासिल कर एक नया रिकॉर्ड बना दिया है।

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