पहाड़ों पर बारिश से उफनाई यमुना, राजधानी दिल्ली पर मंडराया बाढ़ का खतरा
पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के चलते यमुना नदी के जल स्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कैचमेंट एरिया में बारिश के चलते यमुना और उसकी सहायक नदियों के जल स्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के चलते यमुना नदी के जल स्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कैचमेंट एरिया में बारिश के चलते यमुना और उसकी सहायक नदियों के जल स्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। गुरुवार को यमुना नदी का जल स्तर बढ़कर 99 हजार 538 क्यूसिक पर पहुंच गया। यमुना नदी में न्यूनतम बाढ़ के पानी की सीमा 60 हजार क्यूसिक है।
ऐसे में एक लाख क्यूसिक के करीब पानी पहुंचने से यमुना की तलहटी में बसे इलाकों के साथ देश की राजधानी दिल्ली पर भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। यमुना नदी का पानी हथनीकुंड बैराज से 72 घंटे में दिल्ली पहुंचता है। ऐसे में दिल्ली में यमुना के साथ लगते इलाकों में 72 घंटे बाद इसका पानी कहर बरपा सकता है।
कारण यमुना नदी का जल प्रवाह खतरनाक स्तर के करीब
हथिनीकुंड कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के कालसी में 233.2 मिमी, सभावाला में 56.6 मिमी, जटान बैराज पर 92.5 मिमी और पांवटा साहिब में 160 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इस भारी बारिश के कारण यमुना नदी का जल प्रवाह खतरनाक स्तर के करीब पहुंच गया है। शिवालिक पहाड़ियों और उत्तराखंड और हिमाचल में भारी बारिश से नदियां उफान पर हैं, जिससे यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
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