ट्रंप ने लगाया टैरिफ तो विदेश मंत्री जयशंकर का आ गया रिएक्शन! जानें
एस जयशंकर ने ये बातें अपनी लंदन यात्रा के दौरान चैथम हाउस के निदेशक और मुख्य कार्यकारी ब्रोनवेन मैडॉक्स से बातचीत के दौरान कही।

विदेश मंत्री एस जयशंकर का कहना है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी विदेश नीति में बदलाव पूरी तरह से अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि जो सोचा गया था वही हो रहा है और इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने से भारत को कोई नुकसान नहीं हुआ है, बल्कि यह कई मायनों में फायदेमंद है। एस जयशंकर ने ये बातें अपनी लंदन यात्रा के दौरान चैथम हाउस के निदेशक और मुख्य कार्यकारी ब्रोनवेन मैडॉक्स से बातचीत के दौरान कही।
विदेश मंत्री ने कहा, 'अगर आप वास्तव में इसे देखें तो आप जानते हैं कि राजनीतिक नेता वे चीजें करने की कोशिश करते हैं जिनका वह वादा करके सत्ता में आते हैं, वह अपने वादों में से कुछ काम तो करते ही करते हैं, हालांकि वे हमेशा सफल नहीं होते, वे वह सब नहीं कर पाते जो वे करना चाहते हैं लेकिन एक सामान्य सिद्धांत स्पष्ट है और आप जानते हैं कि जब राजनीतिक ताकत या नेता के पास कोई एजेंडा होता है, खासकर अगर यह लंबे समय में तैयार किया गया होता है और वे इसके प्रति पूरी तरह स्पष्ट और भावुक होते हैं तो ऐसे में इन पर काम होने में हैरानी नहीं होती।'
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि पिछले कुछ हफ्तों में हमने जो कुछ देखा और सुना (अमेरिकी नीतियों पर) है, वह अपेक्षित था, इसलिए मुझे थोड़ा आश्चर्य है हुआ कि लोग इस पर आश्चर्यचकित हैं, जबकि इसमें हैरानी वाली कोई बात नहीं थी।'
टैरिफ से लेकर हर विभाग में बदल रही यूएस की नीतियां
एस जयशंकर का इशारा ट्रंप प्रशासन के हालिया फ़ैसलों की ओर था, जिसमें टैरिफ़ से लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध तक शामिल हैं। ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही टैरिफ़ पर युद्ध छेड़ दिया है। साथ ही उन्होंने रूस के ख़िलाफ़ यूक्रेन को दी जा रही मदद को भी पूरी तरह से बंद करने का फ़ैसला किया है। इसके साथ ही वे अवैध अप्रवासियों के ख़िलाफ़ भी सख़्त कार्रवाई कर रहे हैं। ये सभी वो बातें थीं जिन पर ट्रंप अपने चुनाव अभियान के दौरान ज़ोर देते रहे थे और ऐसे मुद्दों पर उनका रवैया उनके पिछले कार्यकाल में भी ऐसा ही था।
भारत-अमेरिका रिश्तों पर क्या बोले जयशंकर?
विदेश मंत्री ने आगे कहा, 'जब मैं अमेरिका से अपने रिश्तों के लिए हमारे हितों और अपेक्षाओं को देखता हूं, तो मुझे बहुत सारी संभावनाएं दिखती हैं, मेरा मानना है कि हम एक ऐसे राष्ट्रपति और प्रशासन को देख रहे हैं, जो बहुध्रुवीयता की ओर बढ़ रहा है, यह कुछ ऐसा है जो भारत के अनुकूल है।'
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