शाही जामा मस्जिद या विवादित ढांचा... इलाहाबाद हाई कोर्ट बड़ा फैसला कब ?

इलाहाबाद हाई कोर्ट में आज संभल स्थित शाही जामा मस्जिद से संबंधित सफेदी और सफाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई।

Mar 4, 2025 - 12:58
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शाही जामा मस्जिद या विवादित ढांचा... इलाहाबाद हाई कोर्ट बड़ा फैसला कब ?
There was a ruckus at Shahi Jama Masjid
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इलाहाबाद हाई कोर्ट में आज संभल स्थित शाही जामा मस्जिद से संबंधित सफेदी और सफाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान एक नया मोड़ तब आया जब कोर्ट ने मस्जिद को ‘विवादित ढांचा’ कहकर संदर्भित किया। यह शब्दावली हिन्दू पक्ष के वकील हरि शंकर जैन की मांग पर आदेश में शामिल की गई। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने स्टेनो को इस शब्द का उपयोग करने का निर्देश दिया। अब इस मामले में मस्जिद कमेटी की अर्जी पर 10 मार्च को अगली सुनवाई होगी।

मस्जिद कमेटी की आपत्ति: ASI की रिपोर्ट को खारिज करने की मांग

सुनवाई के दौरान शाही जामा मस्जिद प्रबंधन समिति ने पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) की रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज कराई। मस्जिद कमेटी ने कोर्ट से ASI की रिपोर्ट को खारिज करने की मांग करते हुए कहा कि ASI का काम गार्जियन की तरह है, मालिक की तरह नहीं। मस्जिद कमेटी का यह भी कहना था कि रमजान के महीने को देखते हुए मस्जिद की सफाई के साथ-साथ सफेदी की भी अनुमति दी जाए।

ASI की प्रतिक्रिया: सफेदी की जरूरत नहीं

ASI के वकील ने कोर्ट में अपनी बात रखते हुए कहा कि मस्जिद में सफेदी की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन सफाई कराई जा सकती है। पिछली सुनवाई में भी ASI ने इसी प्रकार की राय पेश की थी। हाई कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को ASI की रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज करने की अनुमति दी थी और ASI को अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया।

शाही जामा मस्जिद पर विवाद: ऐतिहासिक हरिहर मंदिर से जुड़े दावे

शाही जामा मस्जिद को लेकर विवाद उस दावे से जुड़ा है कि इसका निर्माण एक ऐतिहासिक हरिहर मंदिर के ऊपर किया गया था। 24 नवंबर, 2024 को अदालत के आदेश पर मस्जिद का सर्वे किया गया था, जिसके बाद तनाव बढ़ गया और हिंसक झड़पों में चार लोगों की जान चली गई। इस घटना ने कानूनी और सांप्रदायिक दोनों ही दृष्टिकोण से मामले को और जटिल बना दिया।

इससे पहले, अदालत ने एएसआई को मस्जिद परिसर की सफाई करने का निर्देश दिया था, लेकिन रमजान से पहले सफेदी करने की अनुमति नहीं दी थी। इसके अलावा, मस्जिद की स्थिति का निरीक्षण करने और उस पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए तीन सदस्यीय एएसआई टीम का गठन किया गया था।

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