मीडिया कर्मियों की पेंशन में दो शर्तो को हटाने पर विजय बंसल ने जताया CM सैनी का आभार, कानूनी नोटिस भेजकर की थी संशोधन की मांग
हरियाणा सरकार द्वारा विगत 14 नवंबर 2023 को जारी की गई अधिसूचना में पत्रकारों को मिलने वाली पेंशन योजना में कई बदलाव किये गए थे
चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार द्वारा विगत 14 नवंबर 2023 को जारी की गई अधिसूचना में पत्रकारों को मिलने वाली पेंशन योजना में कई बदलाव किये गए थे, इस मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी पूर्व प्रदेश सचिव और पूर्व चेयरमैन हरियाणा सरकार एडवोकेट विजय बंसल ने कड़ी आपत्ति जताते हुए हरियाणा सरकार को कानूनी नोटिस भेज कर जारी की गई अधिसूचना में संशोधन करने की मांग की थी। उक्त अधिसूचना में एक ही परिवार के एक से अधिक पत्रकारों में से केवल एक को पेंशन देने का प्रावधान करना और किसी भी पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर पेंशन या सरकारी सुविधाओं को बंद करने का प्रावधान किया गया जिसे बंसल ने गलत बताया था।अब प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा मामले का संज्ञान लेते हुए उक्त दो संशोधनों को वापिस लिया गया है।
विजय बंसल ने कहा कि एफआईआर तो फर्स्ट इनफॉरमेशन रिपोर्ट है उसे पत्रकारों के विरुद्ध अपराधिक फैसला नहीं माना जा सकता। इसलिए विधायकों और जनप्रतिनिधियों की व्यवस्था की तर्ज पर ही पत्रकारों के लिए भी 2 साल या उससे अधिक सजा होने पर ही उनकी पेंशन और सरकारी सुविधाओं को बंद करने का नियम होना चाहिए।
विजय बंसल एडवोकेट ने सरकार से उक्त अधिसूचना को तुरन्त वापिस लेने की मांग करते हुए कहा था कि या तो अधिसूचना में अंकित किए गए कुछ प्रावधानों पर संशोधन किया जाए ताकि पूरी उम्र सरकारी एवं गैर सरकारी समाचार लिखने वाले पत्रकार या समाचार पत्रों से जुड़े हुए मीडिया कर्मियों को सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्हें सरकारी सुविधा उपलब्ध हो सके।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में सेवानिवृत्त पत्रकारों को पेंशन के संबंध में दो निर्णय लिए गए है। अब यदि पति और पत्नी दोनों पेंशन के लिए पात्र हैं तो दोनों को पेंशन मिलेगी। दूसरी बात यह है कि पहले यह प्रावधान था कि यदि पेंशनभोगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होती है तो उसकी पेंशन बंद कर दी जाएगी। यह कठोर प्रावधान था क्योंकि पत्रकार ईमानदारी और पेशेवर रूप से अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हैं, उन्हें पीड़ित पक्ष द्वारा आपराधिक मानहानि के मामलों का सामना करना पड़ता है, जो आमतौर पर बहुत प्रभावशाली होते हैं। इसके अलावा कानून के अनुसार कोई भी व्यक्ति तब तक निर्दोष है जब तक कि उसे अदालत द्वारा दोषी न ठहराया जाए और केवल मामला दर्ज होने पर पेंशन रद्द करना कठोर प्रावधान था।
विजय बंसल ने मांग की है कि बिना किसी देरी के कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा को लागू किया जाए, क्योंकि सरकारी अस्पतालों में सेवाएं बहुत खराब हैं और सेवानिवृत्त पत्रकार ऐसे में इलाज का खर्च नहीं उठा सकते हैं।
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