नवरात्रि का पांचवा दिन आज, जानें मां स्कंदमाता की पूजा का महत्व

Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंद माता की आराधना की जाती है, जो मां दुर्गा का पांचवां रूप मानी जाती हैं। मान्यता है कि देवी स्कंदमाता की पूजा से संतान सुख की प्राप्ति होती है। आइए इस दिन मां स्कंदमाता की पूजा विधि, भोग, आरती और मंत्र जाप के बारे में विस्तार से जानें।

Oct 7, 2024 - 09:48
Oct 7, 2024 - 09:50
 65
नवरात्रि का पांचवा दिन आज, जानें मां स्कंदमाता की पूजा का महत्व
Advertisement
Advertisement

Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंद माता की आराधना की जाती है, जो मां दुर्गा का पांचवां रूप मानी जाती हैं। मान्यता है कि देवी स्कंदमाता की पूजा से संतान सुख की प्राप्ति होती है। आइए इस दिन मां स्कंदमाता की पूजा विधि, भोग, आरती और मंत्र जाप के बारे में विस्तार से जानें।

नवरात्रि 2024 का शुभ मुहूर्त:

नवरात्रि के दौरान भक्त मां दुर्गा की आराधना में लीन रहते हैं। इस वर्ष नवरात्रि का पांचवां दिन मां स्कंदमाता को समर्पित है। स्कंदमाता चार भुजाओं वाली हैं, जिनमें से दो हाथों में कमल का फूल है। एक हाथ में स्कंदजी बालरूप में विराजमान हैं और दूसरे हाथ में तीर धारण किया हुआ है। मां स्कंदमाता कमल के आसन पर आसीन होती हैं, इसीलिए उन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। उनका वाहन सिंह है, और वे भक्तों के कल्याण के लिए शेर पर सवार होती हैं।

मां स्कंदमाता की पूजा का शुभ मुहूर्त:
मां स्कंदमाता की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11:40 बजे से 12:30 बजे तक रहेगा।

स्कंदमाता की पूजा विधि:
1. सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2. घर के पूजा स्थान में चौकी पर स्कंदमाता की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें।
3. गंगाजल से शुद्धिकरण करें और एक कलश में पानी और कुछ सिक्के डालकर चौकी पर रखें।
4. अब पूजा का संकल्प लें।
5. स्कंदमाता को रोली-कुमकुम लगाकर नैवेद्य अर्पित करें।
6. धूप-दीपक से मां की आरती करें और मंत्र जाप करें।
7. मां को सफेद रंग का भोग, जैसे केले, अर्पित करें, क्योंकि सफेद रंग उन्हें प्रिय है।

स्कंदमाता का मंत्र:

या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥


स्कंदमाता की पूजा का महत्व:
नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा करने से संतान सुख की कामना रखने वाले भक्तों की इच्छाएं पूरी होती हैं। आदिशक्ति का यह स्वरूप संतान प्राप्ति में सहायक माना जाता है। स्कंदमाता की कृपा से बुद्धि और ज्ञान का विकास होता है, जिससे पारिवारिक शांति बनी रहती है। इस प्रकार, मां स्कंदमाता की पूजा से न केवल संतान सुख की प्राप्ति होती है, बल्कि मानसिक और पारिवारिक कल्याण भी सुनिश्चित होता है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow