‘बंदी छोड़ दिवस’ पर पंजाब में विशेष समागमों का आयोजन, श्री हरमंदिर साहिब में जलाए जाएंगे 1 लाख घी के दीये
श्री गुरुद्वारा साहिब में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है, श्री हरमंदिर साहिब में भी सिख श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है, संगते माथा टेकने के श्री हरमंदिर साहिब में पहुंच रही है, अमृतसर में आज का दिन और भी खास है, क्योंकि यहां दो पवित्र पर्वों का संगम देखने को मिलेगा।
देशभर में आज बंदी छोड़ दिवस पूरे श्रद्धा और हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है, बंदी छोड़ दिवस के मौके पर पंजाब में विशेष समागमों का आयोजन किया जा रहा है, इस पावन अवसर पर जगह-जगह नगर कीर्तन भी निकाले जा रहे हैं।
श्री गुरुद्वारा साहिब में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है, श्री हरमंदिर साहिब में भी सिख श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है, संगते माथा टेकने के श्री हरमंदिर साहिब में पहुंच रही है, अमृतसर में आज का दिन और भी खास है, क्योंकि यहां दो पवित्र पर्वों का संगम देखने को मिलेगा।
एक ओर श्री हरिमंदिर साहिब में बंदी छोड़ दिवस की रौशनी बिखरेगी, तो दूसरी ओर दुर्गियाना मंदिर में दीपावली की जगमगाहट नजर आएगी, शाम श्री हरिमंदिर साहिब में एक लाख घी के दीपक भी जलाए जाएंगे और रंग-बिरंगी आतिशबाजी के साथ रोशनी की जगमगाहट होगी, श्री हरिमंदिर साहिब के हेड ग्रंथी ज्ञानी रघुबीर सिंह ने बताया कि, बंदी छोड़ दिवस केवल रोशनी का नहीं, बल्कि आजादी और न्याय का प्रतीक है।
गुरु श्री हरगोबिंद साहिब जी ने ग्वालियर किले में कैद 52 राजाओं को मुक्त कराया और अमृतसर लौटे थे, उनकी वापसी पर संगतों ने घी के दीपक जलाकर, दीयों की मालाएं सजाकर दीपमाला और आतिशबाजी के साथ खुशी मनाई थी। तब से यह दिन हर साल बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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