इंडियन मार्केट में टेस्ला का बड़ा दांव, भारत में बिना फैक्ट्री लगाए, बेचेगी कार?
टेस्ला जल्द ही भारत में दस्तक देने के लिए तैयार है, लेकिन सीधे मैन्युफैक्चरिंग के बजाय कंपनी पहले डायरेक्ट-टू-कस्टमर (D2C) मॉडल अपनाएगी। सरकार की नई EV पॉलिसी के तहत इंपोर्ट ड्यूटी में भारी कटौती की गई है, जिससे टेस्ला को भारतीय बाजार में कारें बेचने में आसानी होगी।

टेस्ला जल्द ही भारत में दस्तक देने के लिए तैयार है, लेकिन सीधे मैन्युफैक्चरिंग के बजाय कंपनी पहले डायरेक्ट-टू-कस्टमर (D2C) मॉडल अपनाएगी। सरकार की नई EV पॉलिसी के तहत इंपोर्ट ड्यूटी में भारी कटौती की गई है, जिससे टेस्ला को भारतीय बाजार में कारें बेचने में आसानी होगी। हालांकि, कंपनी ने अभी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन गुजरात और महाराष्ट्र में संभावित लोकेशन की तलाश की जा रही है। क्या टेस्ला भारत में अपनी फैक्ट्री लगाएगी या सिर्फ इंपोर्टेड कारें बेचेगी? यह देखने लायक होगा।
टेस्ला का भारत में डायरेक्ट-टू-कस्टमर (D2C) मॉडल
टेस्ला भारत में अपनी एंट्री पारंपरिक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के बजाय डायरेक्ट-टू-कस्टमर (D2C) मॉडल से कर सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि कंपनी भारतीय बाजार में सीधा अमेरिका से कार इंपोर्ट कर अपने स्टोर्स के जरिए बेचेगी।
ऐसा इसलिए संभव हो पा रहा है क्योंकि भारत सरकार जल्द ही एक नई इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) पॉलिसी पेश करने जा रही है, जिसमें EV इंपोर्ट पर भारी छूट दी जाएगी। इस रणनीति से टेस्ला को भारतीय बाजार को समझने और भविष्य में लोकल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने में मदद मिलेगी।
सरकार की नई EV पॉलिसी और इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती
भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नई EV पॉलिसी को मंजूरी दी है। इसके तहत, इंपोर्ट ड्यूटी को 70% से घटाकर सिर्फ 15% कर दिया गया है। यह छूट उन विदेशी कंपनियों के लिए है जो भारत में EV निर्माण में रुचि रखती हैं और तीन साल के भीतर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए कम से कम ₹4150 करोड़ का निवेश करेंगी। इस योजना के तहत, कंपनियों को पांच साल के भीतर लोकल वैल्यू एडिशन (DVA) को 50% तक बढ़ाना होगा, जिससे भारतीय कंपनियों और वेंडर्स को भी फायदा होगा।
क्या टेस्ला भारत में प्लांट लगाएगी?
टेस्ला की ओर से अभी तक भारत में फैक्ट्री लगाने को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी गुजरात और महाराष्ट्र में संभावित प्लांट लोकेशन की तलाश कर रही है। हालांकि, टेस्ला ने सरकार द्वारा आयोजित हालिया EV पॉलिसी चर्चा में भाग नहीं लिया, जिससे उसकी भारत में लॉन्ग-टर्म योजनाओं को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। कंपनी पहले D2C मॉडल से भारतीय बाजार को परखेगी और मांग के अनुसार आगे की योजना बनाएगी। यदि सब कुछ सही रहा, तो आने वाले वर्षों में टेस्ला का एक बड़ा मैन्युफैक्चरिंग प्लांट भारत में देखने को मिल सकता है।
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