120000 करोड़ की कंपनी को चलाती हैं, नहीं खरीदी महंगी कार, साधारण-सी गाड़ी से चलती ये महिला, जानिए क्यों?
भारत में भी कई करोड़पति और अरबपति हैं जो किराए के घर में रहना और कैब से यात्रा करना पसंद करते हैं। राधिका गुप्ता भी उन्हीं शख्सियतों में से एक हैं, जो एडलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ हैं।
देश और दुनिया में कई ऐसे अमीर लोग हैं जो अपना खुद का घर और कार खरीदना सही नहीं समझते हैं। भारत में भी कई करोड़पति और अरबपति हैं जो किराए के घर में रहना और कैब से यात्रा करना पसंद करते हैं। राधिका गुप्ता भी उन्हीं शख्सियतों में से एक हैं, जो एडलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ हैं। वैसे तो किसी कंपनी के सीईओ और एमडी के पीछे कारों का काफिला होता है, लेकिन राधिका गुप्ता के पास कोई लग्जरी कार नहीं है।
इस बात पर यकीन करना मुश्किल है लेकिन यह सच है और यह बात खुद राधिका गुप्ता ने कही है। राधिका गुप्ता ने कहा कि उनके पास महंगी कार खरीदने की क्षमता है, फिर भी वह इसे खरीदना नहीं चाहती हैं। इसके पीछे उन्होंने एक खास वजह बताई।
क्यों नहीं खरीदी लग्जरी कार
दरअसल, राधिका गुप्ता लग्जरी कारों को 'डेप्रिसिएटिंग एसेट्स' मानती हैं, जिसका मतलब है कि समय के साथ उनकी कीमत घटती जाती है। एक पॉडकास्ट में उन्होंने बताया कि यही वजह है कि इच्छा होने के बावजूद उन्होंने लग्जरी कार नहीं खरीदी। फिलहाल उनके पास टोयोटा इनोवा है।
राधिका गुप्ता ने कहा, "जब भी मैं अपने लिए कोई फैंसी कार खरीदने के बारे में सोचती हूं, तो मैं खुद को बार-बार याद दिलाती हूं कि कार एक घटती संपत्ति है। समय के साथ इसकी कीमत घटती जाएगी।"
9000 करोड़ के मालिक किराए के मकान में रहते हैं
जीरोधा के सह-संस्थापक और 9000 करोड़ की संपत्ति के मालिक निखिल कामत के पास भी अपना घर नहीं है। वह प्रॉपर्टी में निवेश के खिलाफ हैं और इसलिए किराए के मकान में रहते हैं। निखिल कामत ने बताया कि वह किराए के मकान में रहते हैं जिसका किराया बहुत कम है। उनका कहना है कि घर खरीदने के लिए बहुत ज्यादा पूंजी की जरूरत होती है और रिटर्न भी अच्छा नहीं मिलता।
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