अचानक जेब में फटने लगे बम, 3 इंच के पेजर ने कैसे मचा दी तबाही?
जिसमें 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। तीन हजार लोग जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। घटना लेबनान की है, जिसने पूरी दुनिया में आतंक फैला रखा है।
लोग बाजार में खड़े थे। ठेलों से खरीदारी कर रहे थे। कुछ लोग दुकानों से सामान खरीद रहे थे, बसों में सफर कर रहे थे, तभी अचानक उनकी जेबों में बम फटने लगे। एक के बाद एक हजारों लोगों की जेबों में धमाके हुए, जिसमें 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। तीन हजार लोग जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। घटना लेबनान की है, जिसने पूरी दुनिया में आतंक फैला रखा है। पेजर के नाम से मशहूर 3 इंच के डिवाइस में ऐसा क्या हुआ (पेजर धमाका लेबनान), जिसने तबाही मचा दी। लेबनान में हिजबुल्लाह के आतंकी अपने साथियों से संपर्क में रहने के लिए मोबाइल फोन की जगह पेजर का इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि इसे हैक नहीं किया जा सकता। मैसेज के जरिए ही बातचीत हो सकती है। लेकिन मंगलवार को अचानक इन आतंकियों की जेबों में रखे पेजर बम फट गए।
ये एक के बाद एक फटने लगे। पेजर बमों के विस्फोट में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और करीब 3,000 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। लेबनान की राजधानी बेरूत से लेकर बेका घाटी और पड़ोसी देश सीरिया तक में ऐसे धमाकों की खबरें आईं। अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया। लेबनान सरकार ने आदेश जारी कर सभी लोगों से अपील की कि वे अपने पेजर तुरंत फेंक दें। इसे सबसे बड़ा सुरक्षा उल्लंघन माना जा रहा है, क्योंकि पेजर एक ऐसा उपकरण है जो किसी सॉफ्टवेयर से जुड़ा नहीं होता। इसे कहीं बाहर से संचालित नहीं किया जा सकता। तो विस्फोट कैसे हुआ? इस बारे में बीबीसी ने कुछ विशेषज्ञों से बात की है।
दुनिया भर के तकनीकी विशेषज्ञ हैरान
पेजर में विस्फोट कैसे हुआ, इसे लेकर दुनिया भर के तकनीकी विशेषज्ञ हैरान हैं। क्योंकि यह एक हार्डवेयर है और हार्डवेयर तब तक विस्फोट नहीं कर सकता जब तक कोई इसके साथ छेड़छाड़ न करे। लेकिन अगर ये आतंकियों के पास थे तो इनके साथ किसने छेड़छाड़ की? एक साथ सभी पेजर के साथ छेड़छाड़ कैसे संभव थी? कोई लेबनान में घुसकर आतंकियों की जेब से पेजर कैसे निकाल सकता है और उनके साथ छेड़छाड़ कैसे कर सकता है? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब नहीं मिल रहे हैं। लेकिन कुछ तर्क दिए जा रहे हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में…
पेजर विस्फोट कैसे हुआ?
1. विशेषज्ञों के अनुसार, अगर पेजर में इस्तेमाल की गई बैटरियां बहुत ज़्यादा गर्म हो जाएं, तो उन्हें हैक किया जा सकता है. उन्हें विस्फोटित किया जा सकता है. लेकिन ऐसा करना मुश्किल ही नहीं, बल्कि लगभग असंभव है. विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि विस्फोट के प्रकार से यह नहीं लगता कि बैटरियों के गर्म होने की वजह से विस्फोट हुआ है.
2. पेजर में विस्फोट तभी हो सकता है, जब उसके साथ छेड़छाड़ की गई हो. लेकिन इतने बड़े पैमाने पर पेजर के साथ छेड़छाड़ करना असंभव है. क्योंकि पेजर को खोलने और बंद करने के लिए व्यक्ति के पास खुफिया जानकारी और तकनीकी विशेषज्ञता होनी चाहिए. इसलिए इतनी बड़ी संख्या में विशेषज्ञों को तैनात करना आसान नहीं है.
3. ब्रिटिश सेना के एक विशेषज्ञ ने बीबीसी को बताया कि इन उपकरणों में 10 से 20 ग्राम विस्फोटक भरा हो सकता है. हो सकता है कि इन्हें किसी नकली इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के अंदर छिपाया गया हो. विस्फोटक भर जाने के बाद जब भी कोई दूसरा व्यक्ति इसे चलाने की कोशिश करेगा, तो यह विस्फोट हो जाएगा.
4. हालांकि, ऐसा करना बहुत मुश्किल है और हज़ारों पेजर में एक साथ ऐसा करना असंभव है. खास बात यह है कि लेबनानी लोग जिस पेजर का इस्तेमाल करते हैं, उसके फटने की संभावना 1% से भी कम होती है।
5. दुनिया भर से हैकिंग की घटनाएं सामने आती रहती हैं, लेकिन हैकिंग सिर्फ़ सॉफ़्टवेयर में होती है, हार्डवेयर में नहीं। पेजर एक हार्डवेयर है, इसलिए इसकी हैकिंग संभव नहीं है। क्योंकि डिवाइस को खोलना या बंद करना संभव नहीं है।
6. यह भी दावा किया जा रहा है कि संभव है कि फ़ैक्टरी सेटिंग में कुछ छेड़छाड़ की गई हो। हो सकता है कि वह कंपनी भी इस ऑपरेशन में गुप्त रूप से शामिल हो। क्योंकि इज़राइल ने एक बार ऐसा किया था।
मुझे 1996 का इज़राइल क्यों याद आता है?
सॉफ़्टवेयर हैक करके इज़राइल तबाही मचाता रहा है। 1996 में इज़राइल की शिन बेट एजेंसी ने हमास के बम डेवलपर याह्या अय्याश के फ़ोन में गुप्त रूप से विस्फोटक डाला और फिर उसे उड़ा दिया। तब से हिज़्बुल्लाह और हमास के आतंकवादी पेजर का इस्तेमाल करने लगे। लेकिन मंगलवार को हिज़्बुल्लाह के आतंकवादियों ने सुपरमार्केट, सड़क पर, कारों में, घरों में और यहाँ तक कि नाई की दुकानों में भी बम विस्फोट किए।
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