तजाकिस्तान में फंसे 7 पंजाबी युवकों की होगी वतन वापसी, विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप से भारत लौटेंगे युवा
ये युवक रोज़गार की तलाश में एजेंटों के ज़रिए विदेश गए थे। गाड़ी चलाने की बजाय, उन्हें मज़दूरी पर लगा दिया गया, जिससे वे आर्थिक तंगी में आ गए। कुछ को खाने-पीने की भी समस्या हो गई।
रूपनगर ज़िले के सात पंजाबी युवक 27 अक्टूबर को ताजिकिस्तान से स्वदेश लौटेंगे। भाजपा ज़िला अध्यक्ष सरदार अजयवीर सिंह लालपुरा के हस्तक्षेप और अधिकारियों के साथ समन्वय से उनकी सकुशल वापसी सुनिश्चित हो रही है।
ये युवक रोज़गार की तलाश में एजेंटों के ज़रिए विदेश गए थे। गाड़ी चलाने की बजाय, उन्हें मज़दूरी पर लगा दिया गया, जिससे वे आर्थिक तंगी में आ गए। कुछ को खाने-पीने की भी समस्या हो गई।
इन युवाओं में बैसन, रायपुर, ढेर, मोड़ा और घनौली गाँवों के युवा शामिल हैं। इनमें हरदीप सिंह, गुरप्रीत सिंह, अमरजीत सिंह, अवतार सिंह, रविंदर सिंह और मनजीत सिंह जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं।
लालपुरा ने पंजाब सरकार पर उठाए सवाल
लालपुरा ने बताया कि स्थिति की जानकारी मिलते ही उन्होंने तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों और विदेश मंत्रालय से संपर्क कर युवाओं की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर, लालपुरा ने पंजाब सरकार पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि राज्य के युवा विदेश में रोज़गार की तलाश में क्यों मजबूर हैं। लालपुरा ने राज्य सरकार से रोज़गार सृजन, शिक्षा और सुरक्षा उपायों में तेज़ी लाने का आग्रह किया ताकि युवाओं को एजेंटों के चंगुल से बचाया जा सके। इस पहल से सात परिवारों को बड़ी राहत मिली है। साथ ही, यह घटना प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल उठाती है कि युवा अपने ही राज्य में रोज़गार क्यों नहीं पा रहे हैं।
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