हरियाणा में नगर परिषद की पेमेंट अप्रूवल कमेटी के बदले नियम, CM नायब सैनी ने दी मंजूरी
चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़:
हरियाणा में स्थानीय निकाय विभाग ने नगर परिषद की पेमेंट अप्रूवल कमेटी के नियमों में बदलाव किया है। हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा के नगर परिषद पेमेंट अप्रूवल कमेटी में बदलाव वाले प्रस्ताव को मुख्यमंत्री नायब सैनी ने मंजूरी दे दी है।
अब नगर परिषद की पेमेंट अप्रूवल कमेटी में प्रधान की गैर मौजूदगी में उप-प्रधान को पावर दे दी गई हैं। इसके अलावा कमेटी में शामिल होने वाले सदस्यों की संख्या में भी बड़ा बदलाव किया गया है।
पार्षदों की भागीदारी होगी खत्म
इस कमेटी में अब तक प्रधान, उपप्रधान, पार्षद व संबंधित वार्ड के पार्षद शामिल होते रहे हैं। अब पार्षदों की भागीदारी को खत्म कर दिया गया है। कमेटी में ईओ व सचिव को सदस्य के तौर पर लिया गया है।
पेमेंट अप्रूवल में मनमानी को रोकने के लिए किसी भी एक को पावर नहीं दी गई है। पार्षदों की भागीदारी खत्म होना उनके लिए बड़ा झटका है। नए आदेश में 50 लाख तक के विकास कार्यों की पेमेंट अप्रूवल करने वाली कमेटी में प्रधान, उपप्रधान के अलावा ईओ या सचिव को शामिल किया गया है।
मनोनीत पार्षद व संबंधित वार्ड के पार्षद को कमेटी में शामिल नहीं किया गया है। इसमें प्रधान मीटिंग की अध्यक्षता करेंगे। वहीं 50 लाख से अधिक कामों की पेमेंट के लिए डीएमसी के अलावा प्रधान, उपप्रधान व ईओ या सचिव को कमेटी में शामिल किया गया है।
कमेटी के चेयरमैन के तौर पर डीएमसी की जिम्मेदारी रहेगी। प्रधान वाइस चेयरमैन के तौर पर होंगे। कमेटी के नए आदेशों के मुताबिक यदि प्रधान कमेटी की मीटिंग में उपस्थिति नहीं रहते हैं, उनकी जगह उपप्रधान अध्यक्षता करेंगे।
डीएमसी की अध्यक्षता वाली कमेटी में मीटिंग में प्रधान के न होने पर उपप्रधान ही जिम्मेदारी संभालेंगे। या यूं कहें कि बिलों पर प्रधान साइन नहीं कर रहे हैं तो उपप्रधान के साइन के बाद कमेटी पेमेंट अप्रूव कर सकेगी। मीटिंग में पूर्ण बहुमत होना जरूरी है।
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