ED के समन के खिलाफ केजरीवाल की अर्जी पर सुनवाई 9 सितंबर को
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका को 9 सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया, जिसमें उन्होंने कथित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से जारी समन को चुनौती दी है
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका को 9 सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया, जिसमें उन्होंने कथित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से जारी समन को चुनौती दी है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ ने ईडी के जवाब पर प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए केजरीवाल को चार हफ्ते का अतिरिक्त समय भी दिया।
पीठ ने कहा, “प्रत्युत्तर 4 हफ्ते में दाखिल किया जाए।”
केजरीवाल की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील ने यह कहते हुए प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय देने की अपील की थी कि परिस्थितियों में कुछ बदलाव हैं और उन्हें उचित कानूनी विवरण नहीं दिया गया है, जिसके लिए एक याचिका उच्च न्यायालय में लंबित है।
वहीं, ईडी की तरफ से पेश वकील ने कहा कि उच्च न्यायालय के केजरीवाल को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण देने से इनकार करने के बाद जांच एजेंसी द्वारा 21 मार्च को उन्हें गिरफ्तार किए जाने के पश्चात यह याचिका निरर्थक थी।
उच्च न्यायालय ने 22 अप्रैल को केजरीवाल को अपना प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया था। मई में अगली सुनवाई के दौरान अदालत ने उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए चार हफ्ते का समय और दे दिया।
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने ईडी से नौवां समन मिलने के बाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसके तहत उनसे 21 मार्च को जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था। उच्च न्यायालय की पीठ ने 20 मार्च को ईडी को इस संबंध में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था कि याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं।
अगले दिन उच्च न्यायालय ने ईडी से गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण देने के अनुरोध वाली केजरीवाल की याचिका पर अपना पक्ष रखने को कहा था। अदालत ने कहा था कि वह “इस स्तर पर” केजरीवाल को कोई अंतरिम राहत देने की इच्छुक नहीं है। उसी दिन शाम को ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था।
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