पैदल गश्त कर रही है पुलिस, नहीं है गाड़ियों में तेल डलवाने के लिए पैसे 

इस स्थिति ने रांची में अपराधों की बढ़ती घटनाओं के बीच पुलिस की कार्यक्षमता को कमजोर कर दिया है, जिससे अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। 

Jan 9, 2025 - 08:42
Jan 9, 2025 - 09:16
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पैदल गश्त कर रही है पुलिस, नहीं है गाड़ियों में तेल डलवाने के लिए पैसे 
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रांची पुलिस को पेट्रोल और डीजल की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण पुलिस की गाड़ियां थानों में खड़ी हैं और पुलिस को पैदल गश्त करनी पड़ रही है। यह स्थिति राज्य सरकार द्वारा बजट जारी न करने और बकाए के भुगतान में देरी के कारण उत्पन्न हुई है। 

मुख्य बिंदु:
पेट्रोल-डीजल की कमी : रांची पुलिस की गाड़ियों में ईंधन नहीं है, जिससे उनकी पेट्रोलिंग प्रभावित हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि तेल का बजट 6 करोड़ रुपये से अधिक घटा दिया गया है। 


राजनीतिक प्रतिक्रिया: इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टी बीजेपी ने राज्य सरकार पर हमला किया है, यह आरोप लगाते हुए कि सरकार कानून व्यवस्था को गंभीरता से नहीं ले रही। 

पूर्व सीएम और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी इस मुद्दे पर हेमंत सोरेन सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पुराने बकाए का भुगतान नहीं होने से पेट्रोल पंप वालों ने पुलिस की गाड़ियों में तेल डालने से मना कर दिया है। 

वहीं भाजपा नेता और पूर्व विधायक अमित मंडल ने भी सोरेन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की सरकार में सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए हाईवे पेट्रोलिंग गाड़ियां उपलब्ध कराई गई थीं लेकिन इस समय की सोरेन सरकार उन गाड़ियों का रखरखाव तक नहीं कर पा रही है। 

सरकारी स्पष्टीकरण : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रवक्ता मनोज पांडेय ने स्वीकार किया कि समस्या तकनीकी कारणों से उत्पन्न हुई है और इसे जल्द ही हल करने का आश्वासन दिया है। 

इस स्थिति ने रांची में अपराधों की बढ़ती घटनाओं के बीच पुलिस की कार्यक्षमता को कमजोर कर दिया है, जिससे अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। 

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Purshottam Rathore पुरषोत्तम को मीडिया में काम करने का 4 साल से ज्यादा का अनुभव है। इन्होनें अपने सफर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की थी जिसके बाद इन्होनें डिजिटल मीडिया का रुख किया। पुरषोत्तम को डिजिटल मीडिया में काम करने का 2 साल से ज्यादा का अनुभव है और वह मुख्य रूप से राजनीतिक खबरों में रुचि रखते हैं। पुरषोत्तम राजनीतिक खबरों को सरल भाषा में अपने पाठकों तक पहुंचाते हैं। फुर्सत के समय में, पुरषोत्तम को गाने सुनना पसंद है वह ज्यादातर हिंदी और भोजपुरी गाने सुनना पसंद करते हैं।