राजस्थान विधानसभा: शिक्षा मंत्री के बयान को लेकर विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही दो बार स्थगित
राजस्थान के कोटा में प्रदर्शन के लिए कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए जाने एवं शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के विवादित बयान को लेकर बृहस्पतिवार को राजस्थान विधानसभा में हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। हालांकि शिक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि आदिवासी समाज के बारे में कोई नकारात्मक चर्चा करने का भाव उनके मन में कभी नहीं रहा। विपक्ष चाहता था कि मंत्री इस मुद्दे पर सदन में माफी मांगे।
राजस्थान के कोटा में प्रदर्शन के लिए कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए जाने एवं शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के विवादित बयान को लेकर बृहस्पतिवार को राजस्थान विधानसभा में हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
हालांकि शिक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि आदिवासी समाज के बारे में कोई नकारात्मक चर्चा करने का भाव उनके मन में कभी नहीं रहा। विपक्ष चाहता था कि मंत्री इस मुद्दे पर सदन में माफी मांगे।
भोजनावकाश के बाद विधानसभा की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुयी तो अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली को बोलने का मौका दिया।
जूली ने शिक्षा मंत्री दिलावर के हाल ही में दिये गये विवादित बयान का जिक्र करते हुए कहा कि मंत्री के इस बयान के बाद मुख्यमंत्री या पूरी भारतीय जनता पार्टी का कोई बयान इस पक्ष में नहीं आया कि मंत्री ने गलत शब्द कहे हैं।
उन्होंने कहा, 'पूरे विपक्ष की यह मांग है कि मुख्यमंत्री, (इस) मंत्री का इस्तीफा लें व मंत्री सदन में माफी मांगे।'
इसके बाद दिलावर अपना पक्ष रखने के लिए खड़े हुए। विपक्ष की टोका टोकी के बीच उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज ने प्रकृति को बचाया है, पर्यावरण का संरक्षण किया है और हमारी संस्कृति को बनाए रखा है। आदिवासी समाज के बारे में कोई नकारात्मक चर्चा करना मेरे मन में कभी नहीं रहा।
अपने वक्तव्य की ओर इशारा करते हुये दिलावर ने कहा, ‘‘मेरी ऐसी कोई मंशा नहीं है कि मैं आदिवासी समाज के लोगों का सम्मान नहीं करूं या उनको ठेस पहुंचाउं। मैं आज भी उनको श्रद्धा से नमन करता हूं। समस्त आदिवासी मेरे लिए पूजनीय हैं।'
मंत्री ने कहा, 'मुझसे पूछा गया था कि क्या आदिवासी हिंदू नहीं हैं । तो मेरा मंतव्य यह था कि हिंदू हैं और हिंदू ही रहेंगे ... हम सब आदिवासी हैं। मैं आदिवासियों का सम्मान करता हूं। आदिवासी महापुरुषों को नमन करता हूं।'
उन्होंने कहा कि सांसद राजकुमार रोत के बयान के संबंध में उनकी टिप्पणी का 'मंतव्य यह था कि सब आदिवासी हिंदू समाज के थे हैं और रहेंगे।'
जब मंत्री अपना बयान दे रहे थे तो कुछ विपक्षी सदस्यों ने उन्हें बाधित करने का प्रयास किया। विपक्ष के सदस्यों ने दिलावर से माफी मांगने को कहा और नारेबाजी व हंगामा शुरू कर दिया। कई सदस्य सीटों से उठकर आसन के सामने आ गए। कुछ ने इस मुद्दे पर कागज भी दिखाने चाहे हालांकि अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी और सदस्यों को फटकार भरी लगाई। हंगामा नहीं थमने पर सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन जब दुबारा बैठा तो नेता प्रतिपक्ष ने मंत्री से माफी मांगने की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि मंत्री को माफी मांगनी चाहिए और मुख्यमंत्री को उनका इस्तीफा मांगना चाहिए। इसके बाद विपक्ष ने सदन की दिन की बाकी कार्यवाही से बहिर्गमन करने की घोषणा की।
उल्लेखनीय है कि दिलावर और बांसवाड़ा के नवनिर्वाचित सांसद रोत के बीच 22 जून को जुबानी जंग छिड़ गई थी। मंत्री ने कथित तौर पर आदिवासी नेता के हिंदू होने या न होने की पुष्टि के लिए डीएनए टेस्ट कराने की बात कही थी।
हाल ही में रोत ने कहा था कि वह आदिवासी समुदाय से हैं और हिंदू धर्म सहित संगठित धर्मों से अलग आस्था पद्धति को मानते हैं। इस पर दिलावर ने कहा था, 'बीएपी के नेता खुद को हिंदू नहीं मानते हैं तो उनके डीएनए की जांच करा लेंगे।'
इससे पहले भी प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के सदस्यों ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के डीएनए की जांच करवाने वाले पूर्व बयान को लेकर आपत्ति जताते हुए हंगामा किया।
दिलावर अपने विभाग से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देने के लिए उठे तो विपक्ष के सदस्यों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की और उनके जवाब नहीं सुने।
इसके बाद शून्यकाल के दौरान कोटा में प्रदर्शन के बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज होने का मुद्दा उठा। कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने यह मुद्दा उठाया और विपक्षी सदस्यों ने इसको लेकर नारेबाजी की। उन्होंने सरकार से जवाब दिलवाने की मांग की ।
विपक्ष के सदस्यों के अपने स्थान से उठकर आगे आने और हंगामा बढ़ने पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।
आधे घंटे के बाद सदन बैठा और आगे की कार्यवाही हुई।
राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र बुधवार को शुरू हुआ है। सदन में पहली बार 'पर्ची' से सवाल पूछे गए। साथ ही पहली बार ही 'लंच ब्रेक' किया गया।
सदन में बाद में कुछ वार्षिक प्रतिवदेनों पर चर्चा हुई हालांकि विपक्षी कांग्रेस के विधायक इस दौरान मौजूद नहीं थे। सदन में पांच से नौ जुलाई तक अवकाश रहेगा। वहीं दस जुलाई को बजट पेश किया जाएगा।
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