बाढ़ प्रभावित इलाकों में पंजाब सरकार सक्रिय: 24 घंटे में मेडिकल कैंपों के इलाज में 194% बढ़ोतरी

घर-घर जाकर जांच की जा रही है और जहां भी मच्छरों का लार्वा पाया जा रहा है, तुरंत छिड़काव किया जा रहा है... जनता की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है - मुख्यमंत्री मान

Sep 18, 2025 - 13:47
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बाढ़ प्रभावित इलाकों में पंजाब सरकार सक्रिय: 24 घंटे में मेडिकल कैंपों के इलाज में 194% बढ़ोतरी

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने यह साबित कर दिया है कि कठिन से कठिन समय में भी जनता की सेहत और सुरक्षा सर्वोपरि है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में जहां 16 सितंबर को 51,000 लोगों ने स्वास्थ्य शिविरों का लाभ लिया था, वहीं मात्र एक दिन बाद यह संख्या अभूतपूर्व रूप से बढ़कर 1.5 लाख तक पहुंच गई। यह तेज़ी इस बात का प्रमाण है कि मान सरकार ने न केवल हालात की गंभीरता को समझा, बल्कि तुरंत ही जमीनी स्तर पर कदम उठाकर लोगों तक मदद पहुंचाई। इस उपलब्धि ने प्रभावित परिवारों को भरोसा दिलाया कि सरकार हर समय उनके साथ खड़ी है।

मुख्यमंत्री मान ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी हाल में प्रभावित परिवारों को स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित न रखा जाए। उन्होंने कहा कि बाढ़ से न केवल घर और खेत प्रभावित हुए हैं, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी खतरे भी कई गुना बढ़ जाते हैं। ऐसे में सरकार की प्राथमिकता है कि कोई भी नागरिक इलाज के बिना न रहे। सरकार की इन कोशिशों का नतीजा है कि हजारों लोगों को समय पर राहत और उपचार मिल रहा है, जिससे बीमारी फैलने की आशंका काफी हद तक कम हुई है।

मान सरकार ने 14 सितंबर से विशेष स्वास्थ्य अभियान की शुरुआत की। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य था—बाढ़ के बाद उत्पन्न संभावित बीमारियों पर तुरंत नियंत्रण पाना, प्रभावित लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा उनके दरवाज़े तक उपलब्ध कराना और खासतौर पर बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को सुरक्षा प्रदान करना। मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित किया कि राज्य स्तर पर तैयार की गई योजनाएँ केवल कागज़ों तक सीमित न रहें बल्कि इन्हें तेज़ी से गांव-गांव तक लागू किया जाए। यही कारण है कि इतने कम समय में रिकॉर्ड तोड़ संख्या में लोग स्वास्थ्य शिविरों का लाभ उठा सके।

अब तक 2,303 गांवों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए हैं। इन शिविरों में न केवल आम नागरिकों की जांच और उपचार किया गया बल्कि उन बीमारियों की रोकथाम पर भी ध्यान दिया गया जो बाढ़ के बाद तेजी से फैलती हैं, जैसे बुखार, डायरिया और त्वचा संक्रमण। डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की बड़ी टीमें लगातार प्रभावित इलाकों में तैनात हैं और लोगों को न केवल दवाइयाँ बल्कि स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता भी दी जा रही है। इस व्यापक प्रयास ने ग्रामीण क्षेत्रों में भरोसे का माहौल बनाया है।

मान सरकार ने इंसानों के साथ-साथ पशुओं के स्वास्थ्य को भी अपनी प्राथमिकता में रखा। अब तक 14,780 पशुओं का इलाज और 48,535 पशुओं का नि:शुल्क टीकाकरण किया जा चुका है। इसके अलावा, मृत पशुओं के सुरक्षित निपटारे का विशेष ध्यान रखा जा रहा है ताकि पानी और मिट्टी को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। यह प्रयास दिखाता है कि सरकार ने स्वास्थ्य को समग्र दृष्टिकोण से देखा है और यह सुनिश्चित किया है कि इंसानों और पशुओं दोनों की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाया जाए।

मुख्यमंत्री मान ने खुद यह घोषणा की कि “घर-घर जाकर जांच की जा रही है और जहां भी मच्छरों का लार्वा पाया जा रहा है, तुरंत छिड़काव किया जा रहा है... जनता की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है।” यह बयान न केवल सरकार की तत्परता को दर्शाता है बल्कि यह भी बताता है कि प्रशासन हर स्तर पर सक्रिय है। पंजाब सरकार का यह त्वरित और प्रभावी कदम बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए नई उम्मीद की किरण बन गया है। जिस गति से 24 घंटे में आंकड़ा 51,000 से बढ़कर 1.5 लाख पहुंचा, वह यह साबित करता है कि सरकार ने न केवल योजना बनाई बल्कि उसे जमीन पर पूरी मजबूती से लागू भी किया।

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