Punjab : लाडोवाल टोल प्लाजा को बूथलेस करने पर किसानों और टोलकर्मियों का विरोध प्रदर्शन, फैसला वापस लेने की मांग
केंद्र सरकार द्वारा देशभर के टोल प्लाजाओं को बूथलेस और सैटेलाइट डिजिटल सिस्टम से जोड़ने के फैसले का विरोध तेज हो गया है।
केंद्र सरकार द्वारा देशभर के टोल प्लाजाओं को बूथलेस और सैटेलाइट डिजिटल सिस्टम से जोड़ने के फैसले का विरोध तेज हो गया है। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) और टोल प्लाजा वर्कर यूनियन ने इस निर्णय को आम जनता पर आर्थिक बोझ डालने वाला” बताया है। सीटू के प्रदेश प्रधान सचिव चंद्र शेखर, टोल प्लाजा वर्कर यूनियन के प्रदेश प्रधान दर्शन सिंह लाडी और प्रदेश जनरल सचिव सुखजीत सिंह संधू ने घोषणा की है कि इस फैसले के विरोध में 20 दिसंबर को लाडोवाल टोल प्लाजा पर राज्य स्तरीय रोष रैली आयोजित की जाएगी।
10 लाख लोगों के रोजगार पर खतरा
पत्रकारों से बातचीत में नेताओं ने बताया कि सभी टोल प्लाजाओं को सैटेलाइट-आधारित डिजिटल सिस्टम से जोड़ने पर लगभग 10 लाख टोल प्लाजा लोगों की नौकरियां खतरे में पड़ जाएंगी। नेताओं ने बताया कि फिलहाल टोल प्लाजाओं के आसपास के गांवों और कस्बों के वाहन चालकों को टोल-फ्री सुविधा दी जाती है। इसके अलावा चार दर्जन से अधिक श्रेणियों की सेवाओं से जुड़े वाहन भी टोल से मुक्त हैं, लेकिन सैटेलाइट सिस्टम लागू होने के बाद ये सभी वाहन अपने आप टोल शुल्क के दायरे में आ जाएंगे। वाहन जितनी दूरी तय करेगा, उतनी राशि सीधे वाहन मालिक के बैंक खाते से काट ली जाएगी, जिससे ग्रामीणों, किसानों और छोटे कारोबारियों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा।
कॉरपोरेट कंपनियों को होगा फायदा
सीटू और टोल प्लाजा वर्कर यूनियन के नेताओं ने आरोप लगाया कि यह नई प्रणाली कॉरपोरेट कंपनियों को अरबों-खरबों रुपये का लाभ पहुंचाने के लिए लाई जा रही है। इसलिए सीटू और टोल प्लाजा वर्कर यूनियन ने सभी ट्रेड यूनियनों, मजदूर संगठनों और किसान संगठनों से अपील की है कि वे 20 दिसंबर को लाडोवाल टोल प्लाजा पर होने वाली राज्य स्तरीय रोष रैली में बड़ी संख्या में शामिल हों।
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