निजी स्कूल एसोसिएशन का सरकार को अल्टीमेटम, आर-पार की लड़ाई के लिए बुलाई महापंचायत !

 पिछले लंबे समय हरियाणा में अपनी मांगों को लेकर सरकार के साथ बातचीत कर उन्हें पूर्ण करवाने की कोशिश कर रही प्रदेश के निजी स्कूलों की एसोसिएशन भी अब सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई के मूड़ में आ गई है।

Jul 26, 2024 - 16:20
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निजी स्कूल एसोसिएशन का सरकार को अल्टीमेटम, आर-पार की लड़ाई के लिए बुलाई महापंचायत !
निजी स्कूल एसोसिएशन का सरकार को अल्टीमेटम, आर-पार की लड़ाई के लिए बुलाई महापंचायत !

चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ :  पिछले लंबे समय हरियाणा में अपनी मांगों को लेकर सरकार के साथ बातचीत कर उन्हें पूर्ण करवाने की कोशिश कर रही प्रदेश के निजी स्कूलों की एसोसिएशन भी अब सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई के मूड़ में आ गई है। इसी को लेकर एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा की ओर से सरकार को अब मांगे पूरी करने के लिए अंतिम चेतावनी दी गई है। इसके लिए बकायदा सरकार को 10 अगस्त तक का समय भी दिया गया है। इस दौरान मांगे पूरी नहीं होने पर 10 अगस्त को ही एक महापंचायत का भी ऐलान किया गया है, जिसमें वह आर-पार की लड़ाई का ऐलान करेंगे।

‘10 साल से 20 तकलीफों से गुजर रहे’

निजी स्कूल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने वह पिछले करीब 10 साल से 20 तकलीफों से गुजर रहे हैं। इन तकलीफों के साथ उन लोगों ने कोरोना को भी झेला, लेकिन उस दौरान हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों की हालत पहले से ज्यादा बिगड़ गई थी। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन को सरकार से राहत और आसरे की उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने इसके उल्ट उन पर टैक्स लगा दिए। शर्मा ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने उन्हें राहत देने की बजाए प्रताड़ित करते हुए अनदेखा भी किया। अब 10 अगस्त को आर-पार की लड़ाई के लिए रैली रखी गई है। साथ ही उन्होंने दोहराया कि वह अब भी सरकार को मांगे पूरी करने के लिए 10 अगस्त तक का समय देते हैं। यदि इस दौरान भी उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 10 अगस्त की रैली एक भय़ंकर आक्रोश रैली में भी परिवर्तित हो सकती है।

‘सरकार भुगतान करें तो बढ़ जाएगी शिक्षा की गुणवत्ता’

कुलभूषण शर्मा ने बताया कि निजी स्कूलों का सरकार की ओर अरबों रुपया पेंडिंग है, लेकिन सरकार 30 से 35 करोड़ के करीब राशि जारी करने की कोशिश कर रही है, जोकि ऊंट के मुंह में जीरे के सामान होगा। उन्होंने कहा कि वह पिछले 9 से 10 सालों से हरियाणा में 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को पढ़ा रहे हैं, लेकिन सरकार ने ना तो उन बच्चों की पढ़ाई के लिए कोई पैसा घोषित किया और ना ही कोई पैसा जारी किया। इसके उलट चिराग योजना में सरकार 1100 रुपए, आरटीई में 24 से 25 हजार देने की बात करती थी। उन्होंने पड़ोसी राज्य दिल्ली से तुलना करते हुए कहा कि वहां आम आदमी पार्टी की सरकार प्रति बच्चा पढ़ाई का खर्चा 27 से 28 हजा रुपए दे रही हैं। साथ ही उन्होंने पहली कक्षा से 8वीं तक्षा तक के बच्चों की पढ़ाई का पैसा हाईकोर्ट के निर्देश अनुसार आरटीई के भुगतान के अनुसार करने की मांग की है, जोकि पिछले काफी समय से अटका हुआ है। शर्मा ने दावा किया कि हरियाणा सरकार निजी स्कूलों से प्लज मनी के तौर पर एक करोड़ से भी अधिक की राशि ले रही है, जबकि कांग्रेस की सरकार में यह महज ढाई लाख रुपए थी। सीबीएसई की अधिकतम 2 लाख रुपए की प्लज मनी के रूप मे लेती है। यदि सरकार उनकी ये राशि वापस कर अधिकतम दो से ढाई लाख रुपए तय कर दे तो प्राइवेट स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देते हुए अपने स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस लैब और रोबोटिक लैब लगा सकता है।

‘सीएम कार्यालय सीधा कसूरवार’

कुलभूषण शर्मा ने इतने सालों तक अपनी मांगे पूरी नहीं होने पर मुख्यमंत्री कार्यालय को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हए कहा कि पूर्व शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने उनकी कईं मांगों को सही मानते हुए उन्हें मुख्यमंत्री के पास भेजा था। इसी प्रकार से अब मौजूदा शिक्षा मंत्री भी उनकी कईं मांगों को सही ठहरा चुकी है, लेकिन इसके बाद भी सरकार की ओर से अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि जब उनकी मांगों की ओर सरकार कोई फैसला नहीं ले रही है तो फिर पूरी सरकार ही इसके लिए दोषी है।

‘सरकार बातचीत के लिए जब चाहे तब बुलाए’

निसा के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि वह अपनी मांगों को लेकर लगातार अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं। सरकार को चाहिए वह उन्हें बातचीत के लिए टेबल पर बुलाए। शिक्षा मंत्री से भी लगातार मिल रहे हैं। 3-4 बार मुख्यमंत्री से भी उनकी मुलाकात हो चुकी है। अब फैसला मुख्यमंत्री को करना है। उन्होंने कहा कि वह लोग सरकार के साथ बैठकर बातचीत के लिए तैयार है। शर्मा ने कहा कि उनकी कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है, बल्कि एख ऐसोसिएशन है, जो शिक्षा के हित में काम करती है।

‘सरकार नहीं कर रही अपनी नीतियों का अनुसरण’

शर्मा ने कहा कि वह लोग पिछले 10 साल से अपनी मांग पूरी करने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं। कभी भी किसी बात पर सरकार का कोई विरोध नहीं किया। कभी कोई गलत बात नहीं की। शिक्षा के क्षेत्र में ईमानदारी के साथ काम किया। 134-ए में भी लगातार बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने निजी स्कलों के लिए जो भी नीति बनाई, उसका उन लोगों ने अनुसरण किया, लेकिन सरकार ही अपनी खुद की नीतियो का अनुसरण नहीं कर रही है, जोकि सबसे अधिक तकलीफ वाली बात है।

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