'अब आप संभालो...', डेरा जगमालवाली विवाद पर लगा विराम, जानिए किसे मिली कमान?
जगदीश प्रजापति, कालांवाली:
सिरसा के मस्ताना शाह बलोचिस्तानी आश्रम जगमालवाली में डेरा प्रबंधक कमेटी कमेटी व ग्रिविएंस कमेटी की बैठक आयोजित की गई। बैठक में पूजनीय महाराज बहादुर चंद वकील साहब के निधन के बाद डेरे की गद्दी सौंपने की परम्परा का पालन करने पर विचार मंथन हुआ। पदाधिकारियों और ट्रस्टियों ने निर्णय लिया कि पूज्य महाराज के हुकम की पालना के लिए महाराज जी द्वारा की गई वसीयत अनुसार महात्मा बीरेंदर को गद्दी सौंपी जाए। डेरा की परम्परा के अनुसार महात्मा बीरेंद्र को गद्दी सौंप दी गई।
इस दौरान पूजनीय महाराज वकील साहब का परिवार भावुक हो गया। महाराज जी की बहन ने महात्मा बीरेंदर के सिर पर हाथ रखते हुए कहा कि डेरे को अब आप संभाल लो। डेरा मैनेजमेंट व दूसरी कमेटियों के महत्वपूर्ण बैठक पूजनीय महाराज वकील साहिब के भाई शंकर लाल जी, बहन लक्सवरी देवी, भांजा संजय, भतीजा विष्णु, डेरा ग्रिविएंस कमेटी के सदस्य अनिल बेगावाली, डेरे के महात्मा सूरज, राज भिंडर जगमालवाली, महात्मा नाहर सिंह, जगमालवाली गांव के सरपंच प्रतिनिधि सत्तू, मंदर नम्बरदार, गुरदास जगमालवाली, कुलदीप प्रधान, प्रवीण पीपली व कमेटी के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
बैठक में महाराज के भाई शंकर लाल जी ने कहा कि डेरे की परम्परा में गद्दी को खाली नहीं छोड़ा जा सकता और महाराज जी के हुकमानुसार डेरे की गद्दी सौपने के कार्य की पालना की गई है। भतीजे विष्णु ने कहा कि हर डेरे की अपनी परम्पराएं होती है। हमारी भी अपनी परम्पराए है और उन्ही परम्पराओं का निर्वहन आज किया गया है। महात्मा बीरेंदर को मैनेजमेंट के आग्रह और परम्पराओं के अनुसार उन्हें पगड़ी पहनाई गई।
सेवा और सिमरन जारी रहेगा
बैठक में महात्मा बीरेंद्र ने कहा कि मैनेजमेंट कमेटी ने डेरा की परम्परा के तहत गद्दी सौंपने सम्बन्धी कार्य किया है। डेरे का कामकाज सामान्य रूप से चले इस पर ध्यान दिया जाना जरूरी था। साध संगत के मन में अनेक लोगों ने कई अफवाहे फैला दी और कई सवाल पैदा कर दिए है। डेरे के लिए सबसे बड़ी ताक़त उनकी संगत है। डेरा में सेवा व सिमरन जारी रहेगा। वे पहले की तरह ही डेरे में अपनी सेवाए देते रहेंगे।
ऐसे खत्म हुआ पूरा विवाद
इस पूरे विवाद को वकील साहिब की लाल डायरी ने खत्म करने में अहम भूमिका निभाई। इस डायरी में उनकी वसीयत को लेकर सारी बातें लिखी गई थी। डायरी में ही वीरेंद्र को गद्दी सौंपने की बात कही गई थी और डायरी सामने आने के बाद पूरा मामला साफ हो गया और अब विवाद भी खत्म हो गया है। फिलहाल पुलिस अभी भी पूरी चौकसी बरत रही है।
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