पोप फ्रांसिस ने 88 साल की उम्र में ली आखिरी सांस, लंबे समय से चल रहे थे बीमार
पोप फ्रांसिस के निधन के बाद शोक की अवधि शुरू हो गई है और कार्डिनल्स अगले पोप के चुनाव के लिए बैठक करेंगे।

पोप फ्रांसिस का निधन 21 अप्रैल 2025 को 88 वर्ष की उम्र में हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और हाल ही में गंभीर डबल निमोनिया के कारण अस्पताल में भर्ती थे, जहां उनका करीब 38 दिन तक इलाज चला। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वे वेटिकन के अपने निवास Casa Santa Marta में आराम कर रहे थे। उनके निधन की पुष्टि वेटिकन ने की है और कार्डिनल केविन फैरेल ने इसे आधिकारिक रूप से घोषित किया। कार्डिनल फैरेल ने कहा कि पोप फ्रांसिस का जीवन पूरी तरह से प्रभु और चर्च की सेवा में समर्पित था और वे विशेष रूप से गरीबों और हाशिए पर रहने वालों के लिए एक सच्चे प्रेम और साहस का उदाहरण थे।
पोप फ्रांसिस का जन्म अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में 17 दिसंबर 1936 को हुआ था और वे पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे। उन्होंने 2013 में पोप का पद संभाला था। वे अपने सरल जीवनशैली और सामाजिक मुद्दों पर प्रगतिशील दृष्टिकोण के लिए जाने जाते थे। उन्होंने महिलाओं के लिए चर्च में अधिक भूमिका, समलैंगिकों के प्रति सहानुभूति और सामाजिक न्याय के लिए आवाज उठाई।
उनकी सेहत पिछले कई वर्षों से कमजोर थी, जिसमें फेफड़ों की समस्या, ब्रोंकाइटिस, और अन्य शारीरिक परेशानियां शामिल थीं। 2021 में उनका कोलन सर्जरी भी हुआ था। हाल ही में डबल निमोनिया के इलाज के बाद वे कुछ हद तक ठीक हुए थे और सार्वजनिक रूप से भी नजर आए थे, लेकिन अंततः उनकी हालत बिगड़ गई।
पोप फ्रांसिस के निधन के बाद शोक की अवधि शुरू हो गई है और कार्डिनल्स अगले पोप के चुनाव के लिए बैठक करेंगे। उनका निधन विश्वभर के लगभग 1.3 अरब कैथोलिकों के लिए एक बड़ी क्षति मानी जा रही है।
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