दिल्ली-NCR में प्रदूषण का कहर, धुंध की चादर और गिरती वायु गुणवत्ता

दिल्ली-एनसीआर में सर्दियों के आते ही प्रदूषण का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। नवंबर के इस महीने में जहां लोगों को ठंड का अहसास होना शुरू हो गया है, वहीं आसमान में धुंध की एक सफेद चादर बिछी हुई नजर आ रही है।

Nov 13, 2024 - 08:18
 7
दिल्ली-NCR में प्रदूषण का कहर, धुंध की चादर और गिरती वायु गुणवत्ता
Pollution wreaks havoc in Delhi-NCR
Advertisement
Advertisement

दिल्ली-एनसीआर में सर्दियों के आते ही प्रदूषण का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। नवंबर के इस महीने में जहां लोगों को ठंड का अहसास होना शुरू हो गया है, वहीं आसमान में धुंध की एक सफेद चादर बिछी हुई नजर आ रही है। हालांकि यह धुंध प्राकृतिक कोहरे के कारण नहीं, बल्कि खतरनाक स्तर के प्रदूषण के चलते बनी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली और नोएडा की वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई है, जिससे नागरिकों की दिनचर्या पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।

वायु गुणवत्ता और धुंध का हाल

सफर ऐप के आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार सुबह करीब साढ़े सात बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 375 पर पहुंच गया, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। नोएडा में स्थिति और भी गंभीर है, जहां AQI 380 दर्ज किया गया है। इसी प्रकार गुरुग्राम का एक्यूआई भी 309 पर है। प्रदूषित हवा के कारण शहर में धुंध की मोटी परत छाई हुई है, जिससे विजिबिलिटी भी कम हो गई है। सड़क पर वाहन चालकों को फॉग लाइट्स का सहारा लेना पड़ रहा है, जो कि प्रदूषण की गंभीर स्थिति को दर्शाता है। 

प्रदूषण का प्रभाव और पूर्वानुमान

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगले कुछ दिनों में स्थिति में सुधार की संभावना नहीं है। हवाओं की गति भी धीमी होने से प्रदूषकों का फैलाव नहीं हो पा रहा है, जिससे वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर बनी हुई है। अनुमान लगाया गया है कि 13 से 15 नवंबर तक प्रदूषण का स्तर इसी तरह “बहुत खराब” श्रेणी में बना रहेगा। इसके बाद भी स्थिति में तात्कालिक सुधार नहीं होगा, और प्रदूषण का स्तर कम से कम छह दिन तक खतरनाक स्तर पर बना रह सकता है। 

स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव

प्रदूषण के इस संकट का नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। विशेष रूप से बच्चे, बुजुर्ग और सांस संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। कई लोग सांस लेने में दिक्कत, खांसी और आंखों में जलन जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं। पूर्वी दिल्ली के निवासी अजय कुमार ने बताया कि अब राजधानी के पॉश इलाकों में भी प्रदूषण से राहत नहीं है। ट्रैफिक में रुकने पर दम घुटने जैसा महसूस होता है, जिससे लोग घर से बाहर निकलने से भी कतराने लगे हैं।

प्रदूषण से निपटने की चुनौती

हर साल सर्दियों में पराली जलाने, वाहन प्रदूषण, औद्योगिक धुएं और निर्माण कार्यों के चलते दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता गिर जाती है। सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रदूषण को कम करने के लिए कई प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यह समस्या हर साल और विकराल होती जा रही है। विशेषकर दीपावली के बाद से हवा में प्रदूषकों का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ जाता है। 

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow