कोयंबटूर जिले की प्रसिद्ध जैविक किसान और पद्म पुरस्कार से सम्मानित पप्पाम्मल का 109 वर्ष बाद हुआ निधन

पप्पाम्मल ने 109 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। उनका जीवन कृषि और समाज सेवा को समर्पित था और उन्हें 2021 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

Sep 28, 2024 - 12:55
Sep 28, 2024 - 12:57
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कोयंबटूर जिले की प्रसिद्ध जैविक किसान और पद्म पुरस्कार से सम्मानित पप्पाम्मल का 109 वर्ष बाद हुआ निधन
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कोयंबटूर जिले की मशहूर जैविक किसान और पद्म पुरस्कार विजेता पप्पाम्मल का शुक्रवार रात निधन हो गया। पप्पाम्मल ने 109 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। उनका जीवन कृषि और समाज सेवा को समर्पित था और उन्हें 2021 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

एक कुशल किसान के रूप में बनाई पहचान
पप्पाम्मल ने जैविक खेती को बढ़ावा देने और इसके महत्व को समझाने में अहम भूमिका निभाई। वह न केवल एक कुशल किसान थीं, बल्कि उन्होंने अपने जीवन में सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रूप से भाग लिया। उनकी प्रेरणादायक यात्रा ने कृषि क्षेत्र के अनगिनत लोगों को प्रेरित किया है।

पीएम मोदी ने फोटो शेयर कर जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शोक संदेश में जैविक महिला किसान पप्पाम्मल के निधन पर गहरा दुख जताया। उन्होंने कृषि, खासकर जैविक खेती में उनके योगदान की प्रशंसा की और कहा कि लोग उनकी विनम्रता और मृदुलता के लिए उन्हें प्रशंसा की नजर से देखते थे। उन्होंने उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। अंत में उन्होंने 'ओम शांति' कहकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

डीएमके की सक्रिय सदस्य थीं

इसके अलावा पप्पम्मल द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) पार्टी की भी सक्रिय सदस्य थीं। उनकी राजनीतिक भागीदारी ने उन्हें व्यापक पहचान भी दिलाई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "पप्पम्मल के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है।

सीएम स्टालिन ने शोक व्यक्त किया

ऐसा लगता है जैसे मैंने अपने परिवार के किसी सदस्य को खो दिया है। वह सिर्फ एक किसान ही नहीं थीं, बल्कि समाज के लिए एक बड़ी प्रेरणा थीं।" मुख्यमंत्री ने पप्पम्मल को श्रद्धांजलि देते हुए उनके योगदान को याद किया। उनके निधन से तमिलनाडु और पूरे देश में, खासकर कृषि और सामाजिक क्षेत्र में एक खालीपन महसूस किया जा रहा है। उनके जीवन की विरासत को हमेशा याद रखा जाएगा और उनकी प्रेरणा ने कई किसानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को एक नई दिशा दिखाई है।

खेती में किए कई प्रयोग
पप्पम्मल अपने खेतों में बाजरा, दालें, सब्जियां उगाती थीं और जैविक खेती में उनकी रुचि के कारण उन्होंने कई प्रयोग किए। इसके अलावा पप्पम्मल अपने जीवन में राजनीतिक और सामाजिक जीवन में भी काफी सक्रिय रहीं। उन्होंने कई किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित किया। पप्पम्मल ने अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर भी खेती जारी रखी, जो वाकई आश्चर्यजनक और प्रेरणादायक है।

https://youtu.be/n4HWUEIk4yk

पीएम मोदी ने भी की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2021 में कोयंबटूर में अपने चुनाव प्रचार के बाद ठक्कमपट्टी निवासी जैविक किसान आर पप्पम्मल से मुलाकात की। इसके बाद पीएम मोदी ने उनके साथ अपनी तस्वीर भी शेयर की। साथ ही पीएम मोदी ने लिखा, 'आज कोयंबटूर में आर पप्पम्मल जी से मुलाकात की। उन्हें कृषि और जैविक खेती में उनके असाधारण काम के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।'

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