पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को लेकर सुनाया तुगलकी फरमान

पाकिस्तान इस्टैब्लिशमेंट डिवीजन ऑफिस ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक ज्ञापन जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि मौजूदा नियमों के तहत किसी भी सरकारी कर्मचारी को सरकार की इजाजत के बिना किसी भी मीडिया प्लेटफॉर्म पर बोलने की इजाजत नहीं है।

Sep 3, 2024 - 14:31
Sep 3, 2024 - 14:31
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पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को लेकर सुनाया तुगलकी फरमान

पाकिस्तान की शाहवाज शरीफ सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को लेकर एक फरमान जारी किया है, जिसमें बिना इजाजत सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है। उन्हें किसी भी तरह की सोशल मीडिया साइट का इस्तेमाल करने के लिए सरकार से इजाजत लेनी होगी।

पाकिस्तान इस्टैब्लिशमेंट डिवीजन ऑफिस ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक ज्ञापन जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि मौजूदा नियमों के तहत किसी भी सरकारी कर्मचारी को सरकार की इजाजत के बिना किसी भी मीडिया प्लेटफॉर्म पर बोलने की इजाजत नहीं है। सिविल सेवकों को अनधिकृत कर्मचारियों, नागरिकों या मीडिया के साथ किसी भी तरह का दस्तावेज या जानकारी साझा करने पर भी रोक लगा दी गई है।

सरकार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच सकता है

ज्ञापन में आगे कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों को मीडिया या सोशल मीडिया पर अपनी राय व्यक्त करने या तथ्यों का खुलासा करने की अनुमति नहीं होगी। क्योंकि इससे सरकार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा सरकार ने सरकारी नीति, निर्णय और देश के सम्मान के खिलाफ टिप्पणी करने पर भी रोक लगा दी है।

उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है

सरकार द्वारा जारी ज्ञापन के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों को ऐसे बयान देने की अनुमति नहीं होगी, जिससे दूसरे देशों के साथ संबंधों पर भी असर पड़ सकता है। पाकिस्तान सरकार का यह निर्देश सभी सिविल सेवकों के लिए जारी किया गया है। इसका उल्लंघन करने वाले किसी भी कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी

पाकिस्तान सरकार ने सभी सरकारी एजेंसियों को सलाह दी है कि वे अपने सोशल मीडिया से किसी भी आपत्तिजनक सामग्री को जल्द से जल्द हटा दें। इस काम के लिए सभी संघीय सचिवों, अतिरिक्त सचिवों, विभाग प्रमुखों और मुख्य सचिवों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। ज्ञापन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इसका उद्देश्य सोशल मीडिया के सकारात्मक उपयोग पर प्रतिबंध लगाना नहीं है।

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