संसद का मानसून सत्र : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के लिए रखा गया 16 घंटे का समय
विपक्ष की मंशा साफ़ है क्योंकि कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी चर्चा की शुरुआत करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चर्चा में शामिल होकर बोल सकते हैं, जो विपक्ष की एक प्रमुख माँग है। विपक्ष के बोलने के दौरान प्रधानमंत्री की उपस्थिति भी ज़रूरी मानी जा रही है।
आज संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर कुल 32 घंटे चर्चा होगी। चर्चा तीखी और टकराव भरी होने की उम्मीद है। विपक्ष जहाँ स्पष्ट जवाब चाहेगा, वहीं सरकार 2019 में पाकिस्तान में बालाकोट हवाई हमलों के बाद की तरह कांग्रेस के राष्ट्रवाद पर सवाल उठाकर पलटवार करने की कोशिश करेगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करेंगे।
विपक्ष की मंशा साफ़ है क्योंकि कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी चर्चा की शुरुआत करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चर्चा में शामिल होकर बोल सकते हैं, जो विपक्ष की एक प्रमुख माँग है। विपक्ष के बोलने के दौरान प्रधानमंत्री की उपस्थिति भी ज़रूरी मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं
दिलचस्प बात यह है कि सरकार ने प्रधानमंत्री के भाषण को लेकर आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने पिछले हफ़्ते कहा था कि विपक्ष यह तय नहीं कर सकता कि प्रधानमंत्री बोलेंगे या नहीं। रिजिजू ने कहा कि यह ऐसा है जैसे सरकार यह तय नहीं कर सकती कि विपक्ष का वक्ता कौन होगा।
लेकिन यह चर्चा प्रधानमंत्री के विदेश से लौटने के बाद ही हो रही है। इससे पता चलता है कि भाजपा विपक्ष के खिलाफ अपने सबसे बड़े हथियार का इस्तेमाल करना चाहेगी क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर प्रधानमंत्री की पहल है।
युद्धविराम पर डोनाल्ड ट्रंप के दावे
बातचीत के दौरान सबसे विस्फोटक मुद्दा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का होना तय है। ट्रंप लगभग 25 बार दोहरा चुके हैं कि उन्होंने 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता समाप्त करने के लिए व्यापार को एक प्रलोभन के रूप में इस्तेमाल किया था। राजनाथ सिंह और नरेंद्र मोदी, दोनों ही पिछले महीने ट्रंप के साथ मोदी की 35 मिनट लंबी फोन पर हुई बातचीत का हवाला देकर इसका खंडन कर सकते हैं, जिसमें मोदी ने ट्रंप को कुछ स्पष्ट बातें बताई थीं और उन्हें बताया था कि अमेरिका ने युद्धविराम में मध्यस्थता नहीं की थी।
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