समंदर के नए सिकंदर, PM मोदी आज देश को समर्पित करेंगे तीन ‘महाबली योद्धा’

PM मोदी आज महाराष्ट्र दौरे के दौरान मुंबई स्थित नेवल डॉकयार्ड में इन तीन महाबली को भारतीय नौसेना को सौंपेंगे। ये तीन महाबली कोई और नहीं बल्कि INS सूरत, INS नीलगिरी और आईएनएस वाग्शीर पनडुब्बी हैं।

Jan 15, 2025 - 11:51
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समंदर के नए सिकंदर, PM मोदी आज देश को समर्पित करेंगे तीन ‘महाबली योद्धा’
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भारतीय नौसेना की ताकत में चार चांद लगाने के लिए तीन महाबली तैयार हैं, जो भारत की समुद्री सीमा को अभेद्य बनाएंगे। नए साल की शुरुआत भारतीय नौसेना के लिए ऐतिहासिक पल लेकर आई है। PM मोदी आज महाराष्ट्र दौरे के दौरान मुंबई स्थित नेवल डॉकयार्ड में इन तीन महाबली को भारतीय नौसेना को सौंपेंगे। ये तीन महाबली कोई और नहीं बल्कि INS सूरत, INS नीलगिरी और आईएनएस वाग्शीर पनडुब्बी हैं।

समंदर के इन तीनों सिकंदरों के सेना के बेड़े में शामिल होते ही चीन से लेकर पाकिस्तान तक की टेंशन बढ़ जाएगी। जिनपिंग हों या शाहबाज शरीफ, हर कोई भारत की बढ़ती ताकत को लेकर दहशत में है। ऐसे में इस खबर में हम जानेंगे कि इनके शामिल होने के बाद भारत की ताकत कितनी बढ़ जाएगी, साथ ही ये भी समझेंगे कि भारत अब इन महाबली के जरिए बीजिंग से लेकर इस्लामाबाद तक सभी दुश्मनों को कैसे घेरेगा।

चीन-पाकिस्तान के लिए काल है INS सूरत

सबसे पहले यह जान लेते हैं कि ये तीनों ताकतवर जहाज कितने ताकतवर हैं। अगर INS सूरत की बात करें तो यह भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 15B के तहत बना चौथा और आखिरी स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक है। कई तकनीकों से लैस होने के कारण यह अपने दुश्मन पर सटीक वार करने की क्षमता रखता है। यह एक तरह के स्टील्थ फीचर्स और एडवांस रडार सिस्टम से लैस है। पाकिस्तान तो छोड़िए, चीन भी इसे अपने रडार पर आसानी से ट्रैक नहीं कर पाएगा। यह सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से दुश्मन देश की मिसाइलों को भी नष्ट करने की क्षमता रखता है।

टारपीडो और दूसरे हथियारों से लैस यह युद्धपोत चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के लिए दुःस्वप्न है। माना जा रहा है कि इसे देश के पूर्वी तट यानी विशाखापत्तनम में तैनात किया जा सकता है। वहीं, दुश्मन देशों के रडार से बचने के लिए इसके ब्रिज लेआउट और मास्ट डिजाइन में बदलाव किया गया है। इसमें रेल से लैस हेलीकॉप्टर ट्रैवर्सिंग जैसी आधुनिक प्रणाली भी लगी हुई है, ताकि खराब मौसम में भी हेलीकॉप्टरों को कोई नुकसान न पहुंचे और कोई भी दुश्मन देश भारत की तरफ आंख उठाकर न देख सके।

दुश्मनों को धूल चटाने के लिए तैयार है INS नीलगिरि

INS नीलगिरि को आज भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट 17A के तहत बना एक स्टील्थ फ्रिगेट है, जो अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है। 1996 में रिटायर हो चुके पुराने INS नीलगिरि का यह नया वर्जन अब समुद्री सीमाओं की रक्षा और दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार किया गया है। यह युद्धपोत न सिर्फ भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएगा, बल्कि समुद्री क्षेत्र में चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों के लिए भी बड़ी चुनौती साबित होगा।

यह स्टील्थ फ्रिगेट दुश्मनों की रडार पकड़ से बचने में सक्षम है। इसका डिजाइन भी खास है और डिजाइन से ही रडार सिग्नेचर कम हो जाता है, जिससे इसे ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है। समुद्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच यह युद्धपोत हिंद महासागर में भारत की मौजूदगी को और मजबूत करेगा। INS नीलगिरी जैसी तकनीक चीनी सेना के लिए चुनौती है। भारतीय नौसेना पाकिस्तान से कहीं ज्यादा सक्षम है और नई पनडुब्बियों और युद्धपोतों के साथ भारत समुद्री सुरक्षा में वैश्विक स्तर पर मजबूती से खड़ा है। INS नीलगिरी जैसे प्लेटफॉर्म दुश्मनों की हर मंशा को नाकाम करने में सक्षम हैं।

समंदर के अंदर भी डरेंगे दुश्मन

चीनी नौसेना के पास 370 से ज्यादा युद्धपोत और पनडुब्बियां हैं। इसलिए भारत तेज गति से समुद्र के अंदर से चीन का मुकाबला करने के लिए तैयार है। इसके लिए भारत स्वदेशी इलेक्ट्रिक और डीजल से चलने वाली विध्वंसक पनडुब्बी INS वाग्शीर को लॉन्च करेगा। यह पहली बार है जब बेड़े में एक या दो नहीं बल्कि तीन युद्धपोत एक साथ शामिल होंगे। इस पनडुब्बी को भारत के समुद्री हितों की रक्षा के लिए डिजाइन किया गया है और जल्द ही इसे हिंद महासागर में तैनात किया जाएगा।

यह पनडुब्बी 67 मीटर लंबी और 1,550 टन वजनी है और बेहद शांत तरीके से काम करने में सक्षम है, जिसकी वजह से दुश्मन इसे आसानी से ट्रैक नहीं कर सकते। इसमें वायर-गाइडेड टॉरपीडो, एंटी-शिप मिसाइल और हाई-टेक सोनार सिस्टम लगे हुए हैं। इसका डिजाइन दुश्मन के इलाकों में चुपके से घुसपैठ करने और टारगेट को तबाह करने के लिए काफी है। इतना ही नहीं, भविष्य में इसमें एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) तकनीक जोड़ने की क्षमता है, जिससे यह लंबे समय तक पानी के अंदर काम कर सकेगा। माना जा रहा है कि यह 45 से 50 दिनों तक आराम से पानी के अंदर रह सकेगा और दुश्मनों के नापाक इरादों को कामयाब नहीं होने देगा।

क्यों पसीना बहाएंगे चीन और पाकिस्तान?

भारतीय नौसेना लगातार अपनी क्षमताओं में इजाफा कर रही है, जिससे चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन देश चिंतित हैं। आधुनिक युद्धपोत, पनडुब्बियां और हथियार प्रणाली विकसित करके भारत ने समुद्री क्षेत्र में अपनी सामरिक स्थिति मजबूत की है। वहीं, INS सूरत, INS नीलगिरी और INS वाग्शीर जैसे अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म के शामिल होने से भारत की समुद्री ताकत में और इजाफा होगा। चीन जहां हिंद महासागर में अपनी नौसैनिक गतिविधियां बढ़ा रहा है, वहीं भारत की तेजी से बढ़ती ताकत उसे पीछे धकेलने में सक्षम है। इसके अलावा पाकिस्तान की नौसैनिक क्षमताएं भारत की इन ताकतवर ताकतों के सामने टिक नहीं पाएंगी।

भारतीय नौसेना की नई तकनीक और गुप्त संचालन क्षमताएं, जैसे स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियां और स्टील्थ युद्धपोत, कहीं न कहीं भारत के पक्ष को मजबूत कर रहे हैं। चीन की बेल्ट एंड रोड पहल और पाकिस्तान की ग्वादर बंदरगाह परियोजना को ध्यान में रखते हुए भारत की नौसेना इन दोनों देशों के लिए चुनौती बनकर उभरी है। भारत की बढ़ती समुद्री ताकत न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगी बल्कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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