बाढ़ राहत के लिए मैदान में उतरी मान सरकार, 8 कैबिनेट मंत्रियों ने फ़ील्ड पर संभाला मोर्चा

2 करोड़ रुपये की राहत राशि जारी की गई, बल्कि 8 कैबिनेट मंत्रियों को फील्ड में उतारकर यह साबित कर दिया कि यह सरकार केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं, बल्कि ज़मीन पर उतरकर लोगों के दुःख-दर्द में भागीदार बनती है। इसी बीच मान सरकार ने स्पेशल गिरदावरी के भी आदेश दे दिए हैं। 

Aug 23, 2025 - 18:01
Aug 24, 2025 - 06:53
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बाढ़ राहत के लिए मैदान में उतरी मान सरकार, 8 कैबिनेट मंत्रियों ने फ़ील्ड पर संभाला मोर्चा

पंजाब में बाढ़ से उत्पन्न हालातों से निपटने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार पूरी तरह एक्शन मोड में काम कर रही है। जहां कई राज्यों में संकट के समय सरकारें बैठकें करती रह जाती हैं, वहीं मान सरकार ने ज़मीनी हकीकत को समझते हुए तुरंत एक्शन लिया। न सिर्फ 2 करोड़ रुपये की राहत राशि जारी की गई, बल्कि 8 कैबिनेट मंत्रियों को फील्ड में उतारकर यह साबित कर दिया कि यह सरकार केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं, बल्कि ज़मीन पर उतरकर लोगों के दुःख-दर्द में भागीदार बनती है। इसी बीच मान सरकार ने स्पेशल गिरदावरी के भी आदेश दे दिए हैं। 

पिछले तीन सालों में बाढ़ से बचाव के लिए 276 करोड़ रुपये का जो बुनियादी ढांचा तैयार किया गया, उसका असर आज दिख रहा है। यह योजनाएं अब सिर्फ कागज पर नहीं, बल्कि संकट के समय लोगों को सुरक्षा देने में सफल साबित हो रही हैं। यह इस बात का संकेत है कि मान सरकार ने आपदा को केवल राहत तक सीमित नहीं रखा, बल्कि रोकथाम और तैयारी को भी प्राथमिकता दी।

तरनतारन और फिरोजपुर में जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल और मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर खुद सतलुज किनारे धुस्सी बांध का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने गांव-गांव जाकर लोगों की समस्याएं सुनीं, उन्हें तुरंत राहत दी और भरोसा भी दिलाया कि सरकार उनके साथ खड़ी है। इसी तरह हरदीप सिंह मुंडिया सुल्तानपुर लोधी पहुंचे और डॉक्टर बलबीर सिंह ने कपूरथला के प्रशासन के साथ बैठक कर राहत कार्यों की समीक्षा की।

मान सरकार का ये दृष्टिकोण केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि मानवीय है। जब भारी बारिश के कारण बाढ़ के हालात बने तो सरकार उनके साथ खड़ी थी। यह सरकार कैमरों के सामने राहत बांटने वाली नहीं, बल्कि कैमरों से दूर ज़मीन पर काम करने वाली है। यही फर्क उसे बाकी सरकारों से अलग करता है। विपक्ष जो केवल बयानबाज़ी में व्यस्त है, उसके मुकाबले मान सरकार ने दिखा दिया कि जनसेवा नारे से नहीं, काम से होती है।

आज पंजाब के लोग खुद कह रहे हैं, सरकार वहीं होती है, जो संकट में सबसे आगे खड़ी दिखे। मान सरकार ने बाढ़ प्रभावितों के लिए जो किया, वह सिर्फ राहत नहीं, बल्कि भरोसे की एक नई इमारत है। यह राजनीतिक नहीं, मानवीय नेतृत्व का उदाहरण है। ऐसे समय में जब कई सरकारें जनता से दूर होती जा रही हैं, मान सरकार ने एक बार फिर जनता के दिल में अपनी जगह मजबूत की है। इसलिए पंजाब के लोग आज कह रहे हैं, ऐसी सरकार होना गर्व की बात है।

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