लॉरेंस बिश्नोई इंटरव्यू मामला, 7 पुलिसकर्मियों के किए जाएंगे पॉलीग्राफ टेस्ट

अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया है। सूत्रों के अनुसार इसी सप्ताह कर्मचारियों का पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया जाएगा।

Apr 19, 2025 - 15:19
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लॉरेंस बिश्नोई इंटरव्यू मामला, 7 पुलिसकर्मियों के किए जाएंगे पॉलीग्राफ टेस्ट
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गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से जेल में पूछताछ के मामले में सात पुलिस कर्मियों का पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया जाएगा। कर्मचारियों का पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने के लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की अदालत में याचिका दायर की गई थी। अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया है। सूत्रों के अनुसार इसी सप्ताह कर्मचारियों का पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया जाएगा। एजीडीपी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स नीलाभ किशोर सरकारी वकील के साथ मोहाली अदालत में पेश हुए और सब इंस्पेक्टर जगतपाल जग्गू, ASI मुख्तियार सिंह, कांस्टेबल सिमरनजीत सिंह, कांस्टेबल हरप्रीत सिंह, कांस्टेबल बलविंदर सिंह, कांस्टेबल सतनाम सिंह, कांस्टेबल अमृतपाल सिंह का पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने की अनुमति मांगी।

अदालत को बताया गया कि उक्त सभी कर्मचारियों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। अदालत को बताया गया कि मामले में जारी अनिवार्य निर्देशों की अनुपालना में उपरोक्त व्यक्तियों की सहमति आवश्यक है ताकि उपरोक्त वैज्ञानिक परीक्षण (पॉलीग्राफ टेस्ट) करवाने के लिए उनकी स्वैच्छिकता सुनिश्चित की जा सके। एएसआई मुख्तियार सिंह, कांस्टेबल सिमरनजीत सिंह, कांस्टेबल हरप्रीत सिंह, कांस्टेबल बलविंदर सिंह, कांस्टेबल सतनाम सिंह और कांस्टेबल अमृतपाल सिंह ने पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने के लिए सहमति जताई है। पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने की उनकी इच्छा के बारे में उनके बयान दर्ज किए गए हैं। दलीलें सुनने के बाद अदालत ने जांच अधिकारी (आईओ) को नियमों के अनुसार पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने की अनुमति दे दी।

पॉलीग्राफ टेस्ट क्या है

पॉलीग्राफ टेस्ट को झूठ पकड़ने वाली जांच के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसा उपकरण है जो किसी व्यक्ति से सवाल पूछे जाने पर उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापता है, यह हृदय गति, रक्तचाप, श्वसन और त्वचा की चालकता जैसे संकेतकों को रिकॉर्ड करता है, जो कथित तौर पर झूठ बोलने पर बदल जाते हैं। इसका इस्तेमाल आम तौर पर अपराधों की जांच के लिए किया जाता है।

क्या था मामला

लॉरेंस बिश्नोई इंटरव्यू मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए DSP गुरशेर सिंह संधू समेत छह पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। इन सभी को 3 अप्रैल 2022 को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू लेने का दोषी पाया गया था। इसके बाद लॉरेंस को सीआईए पुलिस स्टेशन खरड़ में रखा गया था। इन सभी को ड्यूटी में लापरवाही और लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। करीब डेढ़ साल बाद लॉरेंस का यह इंटरव्यू एक TV चैनल पर प्रसारित किया गया जो वायरल हो गया। निलंबित किए गए पुलिस कर्मियों में DSP स्पेशल ऑपरेशन सेल मोहाली गुरशेर सिंह संधू के अलावा PPS DSP समरान विनीत, CIA खरड़ की सब इंस्पेक्टर रीना, एजीटीएफ के सब इंस्पेक्टर एलआर जगतपाल जग्गू, एजीटीएफ के सब इंस्पेक्टर एलआर शगनजीत सिंह, ASI मुख्तियार सिंह, HC ओम प्रकाश शामिल हैं।

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