महाशिवरात्रि पर महाकुंभ का अंतिम स्नान, क्या है प्रशासन की सख्त व्यवस्थाएं ?
आज संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ के आखिरी स्नान का पावन अवसर है, जो संयोग से महाशिवरात्रि के शुभ दिन पर पड़ रहा है। इस खास दिन पर करोड़ों श्रद्धालुओं के संगम में स्नान करने की संभावना है।

आज संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ के आखिरी स्नान का पावन अवसर है, जो संयोग से महाशिवरात्रि के शुभ दिन पर पड़ रहा है। इस खास दिन पर करोड़ों श्रद्धालुओं के संगम में स्नान करने की संभावना है। इसे देखते हुए प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण और यातायात प्रबंधन के लिए कई अहम कदम उठाए हैं ताकि श्रद्धालु बिना किसी बाधा के स्नान कर सकें और अपनी श्रद्धा व्यक्त कर सकें।
VIP प्रोटोकॉल हुआ रद्द, तीन जोन में बंटा स्नान क्षेत्र
महाकुंभ में आज की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने वीआईपी प्रोटोकॉल को पूरी तरह से रद्द कर दिया है। इसके साथ ही, स्नान क्षेत्र को तीन जोन—झूंसी, अरेल और संगम जोन में विभाजित किया गया है। श्रद्धालुओं को उनके निर्धारित जोन में ही स्नान करने की अनुमति दी गई है, जिससे भीड़ का दबाव नियंत्रित रह सके और अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न न हो।
शिव मंदिरों में होगी पूजा, लेकिन नहीं निकलेगा जुलूस या शिव बारात
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर शहर के सभी शिव मंदिर खुले रहेंगे, जहां भक्त दर्शन और पूजा-अर्चना कर सकेंगे। हालांकि, प्रशासन ने इस बार किसी भी तरह के जुलूस या शिव बारात निकालने की अनुमति नहीं दी है। यह निर्णय भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा की दृष्टि से लिया गया है, ताकि भगदड़ या अव्यवस्था जैसी कोई स्थिति उत्पन्न न हो।
नो व्हीकल जोन में बदला महाकुंभ नगर और प्रयागराज
महाकुंभ नगर और प्रयागराज शहर को आज के दिन ‘नो व्हीकल जोन’ घोषित किया गया है। इस कदम से सड़कों पर यातायात का दबाव कम होगा और श्रद्धालु आसानी से अपने स्नान स्थलों तक पहुंच सकेंगे।
पांटून पुल और सेक्टोरियल सिस्टम लागू
श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पांटून पुल पर सेक्टोरियल सिस्टम लागू किया गया है। इस व्यवस्था के तहत, हर श्रद्धालु को केवल अपने निर्धारित सेक्टर में ही स्नान करने की अनुमति होगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
प्रशासन और पुजारियों का सहयोगात्मक निर्णय
प्रशासन ने महाशिवरात्रि और महाकुंभ के अंतिम स्नान को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए शहर के पुजारियों और मंदिर प्रबंधकों के साथ बैठक कर यह सुनिश्चित किया कि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। पुजारियों ने भी प्रशासन के इस फैसले का समर्थन किया है, जिससे श्रद्धालु बिना किसी बाधा के अपने धार्मिक अनुष्ठान पूरे कर सकें।
महाकुंभ का समापन और श्रद्धालुओं की आस्था
आज का दिन महाकुंभ के आखिरी स्नान का प्रतीक है, जो भक्तों के लिए पवित्र अवसर है। महाशिवरात्रि और महाकुंभ के संगम ने श्रद्धालुओं की आस्था को और भी दृढ़ बना दिया है। प्रशासन द्वारा किए गए इंतजामों के चलते यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर श्रद्धालु सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से अपने धार्मिक कर्तव्यों को निभा सके।
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