Mahashivratri 2025: क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि? जानिए रहस्य
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, रात्रि जागरण करते हैं और शिवलिंग का जल, दूध व बेलपत्र से अभिषेक करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह दिन शिव तत्त्व की साधना, मोक्ष प्राप्ति और आत्मशुद्धि का श्रेष्ठ अवसर माना जाता है।

महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है?
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे भगवान शिव की आराधना और भक्ति के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आता है। महाशिवरात्रि का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि इसे भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का दिन माना जाता है। इसके अलावा, इसे शिव तत्त्व की साधना और मोक्ष प्राप्ति का श्रेष्ठ अवसर भी माना जाता है।
महाशिवरात्रि से जुड़ी पौराणिक कथाएँ
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शिव-पार्वती विवाह: एक कथा के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। माता पार्वती ने शिव को प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी, जिसके बाद भगवान शिव ने उन्हें अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया।
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समुद्र मंथन और विषपान: एक अन्य मान्यता के अनुसार, जब देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया, तब उसमें से हलाहल विष निकला। इस विष से संपूर्ण सृष्टि का विनाश हो सकता था। तब भगवान शिव ने इस विष को अपने कंठ में धारण कर लिया और नीलकंठ कहलाए। यह घटना महाशिवरात्रि से जुड़ी मानी जाती है।
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लिंगोद्भव कथा: एक कथा के अनुसार, महाशिवरात्रि की रात भगवान शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। भगवान ब्रह्मा और विष्णु के बीच सर्वश्रेष्ठता की होड़ चल रही थी, तब एक विशाल अग्नि स्तंभ प्रकट हुआ और शिव ने बताया कि जो इस स्तंभ का आदि या अंत खोज पाएगा, वही श्रेष्ठ होगा। दोनों देवताओं के प्रयास विफल हुए और उन्होंने शिव की महिमा को स्वीकार किया।
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