हिमाचल की कल्पना ने 30 जुलाई को बनाई रील,बोली-मैंने तो जिंदगी में कुछ नहीं देखा अभी, अगले ही दिन मलबे में दफन
मैंने तो जिंदगी में कुछ नहीं देखा अभी.., ये शब्द हिमाचल में रामपुर की रहने वाली कल्पना के है। इस रील को बनाने के चंद घंटे बाद यानी 31 जुलाई की रात सच में कल्पना जिंदगी में ज्यादा कुछ देखे बिना चल पड़ी।
यार लोग कहते हैं कि काम कर लो.., नहीं मौत आती.., अगर आ गई तो.., मैं इतना बड़ा रिस्क कैसे ले लूं.., अपनी जान के साथ.., अगर मैंने काम किया.. और आ गई मौत फिर.. मैंने तो जिंदगी में कुछ नहीं देखा अभी.., ये शब्द हिमाचल में रामपुर की रहने वाली कल्पना के है। इस रील को बनाने के चंद घंटे बाद यानी 31 जुलाई की रात सच में कल्पना जिंदगी में ज्यादा कुछ देखे बिना चल पड़ी। कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। कल्पना और उनकी बेटी अक्षिता और बेटा अद्विक मलबे में दफन हो गए।
ग्रीनको हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में अकाउंट थीं कल्पना
परिवार में अब कल्पना के पति जय सिंह ही बचे हैं। वह अब जिंदा लाश बन गए हैं। जय सिंह मूल रूप से रामपुर के कांदरी के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी कल्पना ग्रीनको हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में अकाउंट थीं और समेज में तैनात थी। बताया जा रहा है कि जय सिंह और उनकी पत्नी कल्पना अपने दोनों बच्चों के साथ समेज में तीन मंजिला मकान में किराए पर रहते थे। इसी बिल्डिंग के टॉप-फ्लोर पर उनका क्वार्टर था और इसी में निचले फ्लोर पर कंपनी का दफ्तर भी चल रहा था। बिल्डिंग ढहने से कुल 12 लोगों की गई है।
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