पंजाब से गोरखपुर तक मजीठिया मामले की जांच, गोरखपुर में पंजाब विजिलेंस की टीम ने की जांच

इसके बाद वहां से सड़क मार्ग से सरैया डिस्टिलरी पहुंचे। देर शाम टीम वापस लौट गई। सूत्रों के मुताबिक विजिलेंस का दावा है कि विक्रम सिंह मजीठिया की आय से अधिक संपत्ति का मामला डिस्टिलरी से जुड़ा है।

Jul 6, 2025 - 15:20
Jul 6, 2025 - 16:32
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पंजाब से गोरखपुर तक मजीठिया मामले की जांच, गोरखपुर में पंजाब विजिलेंस की टीम ने की जांच

आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार शिरोमणि अकाली दल (पंजाब) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया पर विजिलेंस का शिकंजा कसता जा रहा है। शनिवार दोपहर पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की आठ सदस्यीय टीम ने सरैया डिस्टिलरी परिसर पहुंचकर जांच की। सूत्रों के मुताबिक जांच अधिकारी शुक्रवार को फ्लाइट से पंजाब से लखनऊ आए थे।

इसके बाद वहां से सड़क मार्ग से सरैया डिस्टिलरी पहुंचे। देर शाम टीम वापस लौट गई। सूत्रों के मुताबिक विजिलेंस का दावा है कि विक्रम सिंह मजीठिया की आय से अधिक संपत्ति का मामला डिस्टिलरी से जुड़ा है। मजीठिया के कई ठिकाने जांच के दायरे में हैं, जिनमें सरैया डिस्टिलरी और मजीठिया कोठी समेत अन्य संपत्तियां शामिल हैं। इसी को लेकर अधिकारी सरैया इंडस्ट्रीज की डिस्टिलरी इकाई में पहुंचे थे।

जांच अधिकारियों ने वहां से संपत्तियों से जुड़े कई दस्तावेज भी जब्त किए। साक्ष्य के तौर पर टीम के दो सदस्यों ने चौरी चौरा में बरामद दस्तावेजों की 3000 पन्नों की फोटोकॉपी कराई। साथ ही वहां मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए।

जांच अधिकारी ने जानकारी देने से किया इंकार

गेट से बाहर निकले एक जांच अधिकारी से जब बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने जांच को अत्यंत गोपनीय बताते हुए कोई भी जानकारी देने से इंकार कर दिया। सूत्रों का कहना है कि पूर्व मंत्री की करोड़ों की संपत्ति का मामला सरैया इंडस्ट्रीज से जुड़ा है। उसी को लेकर जांच चल रही है।

गेट पर ताला, मोबाइल स्विच ऑफ, अधिकारी नजरबंद

सरदारनगर (गोरखपुर)। आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच करने सरैया डिस्टिलरी पहुंची पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने डिस्टिलरी में मौजूद अधिकारियों, सुरक्षा गार्डों और कर्मचारियों को नजरबंद कर दिया और उनके मोबाइल जब्त कर लिए।

गेट पर ताला लगाने के साथ ही डिस्टिलरी से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के परिसर से बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई। इस दौरान टीम ने डिस्टिलरी के चप्पे-चप्पे की तलाशी ली और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए।

डिस्टलरी में पहले से मौजूद उद्योग संरक्षक श्रवण कुमार विश्नोई की ओर से सुरक्षा के लिए नामित सरदार जसवंत सिंह मौजूद थे। जांच टीम उन्हें डिस्टलरी ले गई और उनका मोबाइल बंद मिला। जांच टीम के डिस्टलरी पहुंचने की खबर से हड़कंप मच गया। मजीठिया कोठी और चीनी मिल पर उनके सुरक्षा गार्ड काफी सक्रिय नजर आए। मजीठिया कोठी और मुख्य मार्ग के गेट पर ताला जड़ दिया गया। सुरक्षा में लगे मजीठिया परिवार के गार्ड हर गतिविधि पर नजर रख रहे थे। इस दौरान किसी को भी परिसर में आने-जाने की इजाजत नहीं थी।

टीम के साथ नहीं पहुंचे पूर्व मंत्री सूत्रों के अनुसार डिस्टलरी के अधिकारियों और कर्मचारियों को सूचना मिली थी कि टीम के साथ पूर्व मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया भी आएंगे। टीम के पहुंचते ही वहां मौजूद सुरक्षा गार्डों ने वाहन पर नजर रखी, लेकिन वह विक्रम मजीठिया नहीं थे। इसके बाद टीम ने अपनी जांच शुरू की। एक माह पहले भी आई थी विजिलेंस टीम

एक माह पहले भी पंजाब से चार सदस्यीय विजिलेंस टीम गोरखपुर आई थी। उस दौरान भी टीम ने डिस्टलरी के पुराने उत्पादन, निकासी और हिस्सेदारी से जुड़े मामले की जांच की थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि सरैया डिस्टलरी और चीनी मिल में पूर्व मंत्री की 11 फीसदी हिस्सेदारी है। इसी आधार पर पंजाब की विजिलेंस टीम यहां जांच करने आई थी।

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