नायब सैनी सरकार में मीडिया की जिम्मेदारी प्रवीण अत्रे और अशोक छाबड़ा को मिलने के संकेत

नायब सैनी पार्ट-2 मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के बाद हरियाणा सरकार में मीडिया के संचालन का प्रमुख दायित्व प्रवीण अत्रे को मिल सकता है।

Oct 10, 2024 - 16:09
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नायब सैनी सरकार में मीडिया की जिम्मेदारी प्रवीण अत्रे और अशोक छाबड़ा को मिलने के संकेत
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चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ : नायब सैनी पार्ट-2 मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के बाद हरियाणा सरकार में मीडिया के संचालन का प्रमुख दायित्व प्रवीण अत्रे को मिल सकता है। मुख्यमंत्री कार्यालय में मीडिया की जिम्मेदारियों में अशोक छाबड़ा को भी पदोन्नति मिल सकती है।

विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए मीडिया के साथ सामंजस्य रखने वाले प्रवीण अत्रे और अशोक छाबड़ा के कामों से कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पूरी तरह से संतुष्ट और गद्गद बताए जाते हैं। भाजपा की नीतियों, बयानों को तुरंत सोशल मीडिया और मीडिया तक चुनावों में पहुंचाने का दायित्यव इन लोगों पर था। ऐसी भी चर्चा है कि पंचकूला के नवीन गर्ग जो मीडिया का काम देखते हैं को भी कहीं ना कहीं नायब सैनी सरकार में एडजस्ट किया जा सकता है। दिल्ली हरियाणा भवन में मीडिया का कार्य राजीव जेटली को दिया जा सकता है।

चुनावों के दौरान कांग्रेस के स्टार प्रचारकों और बड़े नेताओं के भाषणों और बयानों पर तुरंत प्रतिक्रियाएं जारी करवाने तथा नेगटिव खबरों पर नजर रखने का कार्य प्रवीण अत्रे ने बखूबी निभाया। प्रवीण अत्रे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के पहले कार्यकाल में उनके अत्यंत करीबी रहे। प्रवीण अत्रे ने मीडिया संगठनों, डीजीआईपीआर से समन्वय रख चंडीगढ़ में खुद को प्रमाणिक किया हुआ है। ताजा तरीन घटनाओं तथा विपक्ष के बयानों पर प्रवीण अत्रे बखूबी प्रतिक्रिया देते हैं। चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर पैनी निगाह प्रवीण अत्रे, अशोक छाबड़ा और राजीव जेटली की ओर से रखी गई।

प्रवीण अत्रे चुनाव से पहले पत्रकारों को कैशलैस सुविधा देने की पूरी वकालत करते रहे हैं। अत्रे के सार्थक प्रयासों से नायब सैनी ने सालों से चली आ रही पत्रकारों की दो मांगों को पूरा करने का काम किया था, जिनमें पत्रकार पर केस दर्ज होने की सूरत में उसकी पेंशन राशि और अन्य सरकारी सुविधाओं को बंद करना और एक परिवार में एक ही पत्रकार को पेंशन राशि देना शामिल था। प्रवीण अत्रे की सिफारिश पर ही मुख्यमंत्री नायब सैनी ने दोनों योजनाओं में बदलाव किया और केवल एफआईआर दर्ज होने पर ही सभी सरकारी सुविधाएं और पेंशन बंद नहीं किए जाने का ऐलान किया। इसके साथ ही परिवार में दो पत्रकार होने पर उन दोनों को ही सरकार की ओर से पेंशन राशि देने की भी मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी। अत्रे शुरु से ही मीडिया और सरकार के बीच एक कड़ी का कार्य करते रहे हैं। वह पत्रकारों को आने वाले दिक्कतों को जानकर उन्हें मुख्यमंत्री तक पहुंचाकर उनका हल निकालने की कोशिश में लगे रहते हैं।

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