भारत और न्यूजीलैंड की FTA पर बनी सहमति, मार्केट एक्सेस से लेकर निवेश तक खुलेंगे नए मौके…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यूज़ीलैंड के समकक्ष क्रिस्टोफर लक्सन ने सोमवार को घोषणा की कि दोनों देशों के बीच एक "ऐतिहासिक" मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए बातचीत पूरी हो गई है।
भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर सहमति बन गई है। दोनों देशों ने सोमवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की। इस समझौते का उद्देश्य वस्तुओं के व्यापार और निवेश के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करना है। एफटीए पर बातचीत की प्रक्रिया इस साल मई महीने में शुरू हुई थी।
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने जानकारी दी कि भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर सभी वार्ताएं सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने बताया कि इस समझौते के तहत भारत को निर्यात किए जाने वाले न्यूजीलैंड के करीब 95 प्रतिशत उत्पादों पर आयात शुल्क या तो घटा दिया जाएगा या पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।
भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की अहम बातें :
- भारत के 100 प्रतिशत निर्यात को न्यूजीलैंड में शून्य शुल्क के साथ बाजार पहुंच मिलेगी।
- भारत ने 70 प्रतिशत श्रेणियों में शुल्क उदारीकरण की पेशकश की है, जिसके तहत भारत-न्यूजीलैंड के 95 प्रतिशत द्विपक्षीय व्यापार को कवर किया गया है।
- इस समझौते से भारत के श्रम-प्रधान क्षेत्रों जैसे वस्त्र, परिधान, चमड़ा, जूते, समुद्री उत्पाद, रत्न एवं आभूषण, हस्तशिल्प, इंजीनियरिंग सामान और मोटर वाहन उद्योग को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलेगी।
- यह किसी विकसित देश के साथ भारत द्वारा सबसे कम समय में पूरा किया गया मुक्त व्यापार समझौता है, जिससे वस्त्र, दवा, चमड़ा, इंजीनियरिंग और कृषि उत्पादों सहित भारतीय निर्यात को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।
- भारत के 5,000 पेशेवरों के लिए अस्थायी रोजगार प्रवेश वीजा की सुविधा दी गई है, साथ ही 1,000 वर्क एंड हॉलीडे वीजा का अलग कोटा तय किया गया है।
- न्यूजीलैंड ने अगले 15 वर्षों में भारत में 20 अरब अमेरिकी डॉलर तक के निवेश को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई है।
- कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए न्यूजीलैंड द्वारा सेब, कीवी और शहद के लिए उत्कृष्टता केंद्रों के माध्यम से कृषि साझेदारी स्थापित की जाएगी।
- भारत के विनिर्माण क्षेत्र को फायदा पहुंचाने के लिए लकड़ी के लट्ठे, कोकिंग कोयला, धातु स्क्रैप और कच्चे माल पर शुल्क मुक्त पहुंच दी जाएगी।
- आयुष, संस्कृति, मत्स्य पालन, ऑडियो-विजुअल, पर्यटन, वानिकी, बागवानी और पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों में सहयोग पर भी सहमति बनी है।
- शुल्क में राहत के साथ-साथ इस समझौते में गैर-शुल्क बाधाओं को दूर करने के लिए बेहतर नियामक सहयोग के प्रावधान भी शामिल हैं।
- वर्ष 2024-25 में द्विपक्षीय माल व्यापार बढ़कर 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जबकि 2024 में वस्तुओं और सेवाओं का कुल व्यापार लगभग 2.4 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।
- इसमें सेवाओं के व्यापार का योगदान करीब 1.24 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।
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प्रधानमंत्री मोदी से की बातचीत
प्रधानमंत्री लक्सन ने सोशल मीडिया पर साझा किया कि आने वाले वर्षों में इस समझौते का बड़ा आर्थिक असर देखने को मिल सकता है। अनुमान है कि अगले 20 वर्षों में न्यूजीलैंड से भारत को होने वाला वार्षिक निर्यात 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि एफटीए पर बातचीत पूरी होने के बाद उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की। लक्सन के अनुसार, यह समझौता भारत और न्यूजीलैंड के बीच मजबूत दोस्ती और भरोसे पर आधारित है। भारत दुनिया की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है और यह समझौता न्यूजीलैंड के कारोबारियों को करीब 1.4 अरब भारतीय उपभोक्ताओं के विशाल बाजार तक पहुंच का अवसर प्रदान करेगा।
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