विधानसभ चुनाव के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका, भूपेंद्र हुड्डा के नजदीकी पूर्व विधायक जयतीर्थ दहिया ने छोड़ी पार्टी
हरियाणा के सोनीपत में आज कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के राई से पूर्व विधायक एवं पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा के करीबी रहे जयतीर्थ दहिया ने पार्टी छोड़ दी है।
हरियाणा के सोनीपत में आज कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के राई से पूर्व विधायक एवं पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा के करीबी रहे जयतीर्थ दहिया ने पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने आरोप लगाए कि राई की टिकट में पैसों का लेनदेन हुआ है। वह चुनाव के बाद अब आगे का फैसला लेंगे। समर्थकों को उनका संदेश पहुंच गया है कि वह अब कांग्रेस में नहीं हैं।
जयतीर्थ दहिया राई विधानसभा सीट से वर्ष 2009 और 2014 में लगातार 2 बार कांग्रेस के विधायक रहे हैं। उनके पिता चौधरी रिजक राम दहिया 1972 में कांग्रेस की टिकट पर और 1977 में जनता पार्टी की टिकट पर विधायक बने। वह मंत्री भी रहे। 2014 के चुनाव में इनेलो के इंद्रजीत से मात्र 3 वोटों से चुनाव जीते थे। 5 साल पहले उन्होंने अशोक तंवर पर गाली देने का आरोप लगा कर इस्तीफा दे दिया था। इस बार उन्हें टिकट नहीं मिली।
जयतीर्थ दहिया ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'यह तो पता ही है कि हमारे चुनाव आए हुए हैं। यह भी कि मैं राई हलके से विधायक रहा हूं और टिकट का प्रबल दावेदार था। मुझे जिस तरीके जलील कर पार्टी ने टिकट नहीं दिया, मैंने आज अपना त्यागपत्र डाक से पार्टी आलाकमान को भेज दिया है। यह ठीक है कि 2009 में मैं भूपेंद्र हुड्डा के सहयोग से विधायक बना था।'
उन्होंने कहा, 'आज के दिन जो हालात चल रहे हैं, जिस तरीके से पैसों का लेनदेन हुआ है, पैसों से ही टिकट बांटे गए हैं, उससे मैं समझता हूं कि पार्टी की जो हवा थी, उस पर काफी असर पड़ा है। कांग्रेस ने मेरी अनदेखी की है। विधानसभा में जहां तक मुझे पता है, पैसों का खूब लेन-देन हुआ है। पैसे के आधार पर टिकट बांटे गए हैं। फिलहाल मैंने पार्टी छोड़ दी है। जयतीर्थ दहिया ने कहा, 'जिस तरह से मुझे जलील किया गया है, मैं उसे बर्दाश्त नहीं कर सका। मेरी टिकट कटवाने में, मुझे जलील करने में, पार्टी की हवा खराब करने में रुपयों का रोल है। मेरे साथ वही हुआ है, जो बरोदा हलके में डॉ. कपूर नरवाल के साथ हुआ।
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