Haryana : 24 साल पुराने रेलू राम परिवार हत्याकांड में दोषी संजीव कुमार को मिली अंतरिम जमानत
हरियाणा के चर्चित पूर्व विधायक रेलू राम पूनिया हत्याकांड में बेटी सोनिया पूनिया और उसके पति संजीव ने अपने पिता समेत 8 लोगों की निर्मम हत्या की थी।
हरियाणा के चर्चित पूर्व विधायक रेलू राम पूनिया हत्याकांड में बेटी सोनिया पूनिया और उसके पति संजीव ने अपने पिता समेत 8 लोगों की निर्मम हत्या की थी। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि दोनों ने यह जघन्य अपराध पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे को लेकर किया था।
100 जमीन के कारण हुई हत्या
रेलू राम के पास लगभग 100 एकड़ जमीन थी, जिसे वे अपने बेटे सुनील के नाम करने वाले थे। सोनिया इस फैसले से नाराज थी और इसी कारण उसने पति के साथ मिलकर पूरे परिवार का सफाया करने की साजिश रच दी। हत्या के बाद जब पुलिस ने सोनिया को गिरफ्तार किया, तो अधिकारियों को शक हुआ कि एक महिला अकेले आठ हत्याएं नहीं कर सकती। इसके बाद पुलिस ने संजीव पूनिया पर नजर डाली और उसकी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित लोकेशन ट्रेस की। संजीव वहां नहीं मिला, लेकिन परिवार से पूछताछ पर पता चला कि वह अपने मामा के घर छिपा है। करीब एक महीने बाद पुलिस ने संजीव को पानीपत से गिरफ्तार किया।
लाई डिटेक्शन टेस्ट में कबूल किया अपराध
अदालत से अनुमति लेकर संजीव का पॉलीग्राफ लाई डिटेक्शन टेस्ट कराया गया। टेस्ट के दौरान उसने चिकित्सक डॉ. रजनी गांधी के सामने कबूल किया “मैंने और सोनिया ने मिलकर आठ लोगों की हत्या की थी। सोनिया के पिता सारी संपत्ति सुनील के नाम करने वाले थे, इसलिए हमने सब खत्म करने की ठान ली।”
संजीव ने किया खुलासा
संजीव ने खुलासा किया कि हत्या का प्लान सोनिया के जन्मदिन 23 अगस्त के दिन ही बनाया गया था। वह सहारनपुर से पिस्तौल, 24 कारतूस, पटाखे और जहर की शीशी खरीदकर हिसार पहुंचा था। शुरुआती योजना थी कि सभी को एक साथ पिस्तौल से मारा जाए, लेकिन जब परिवार एक साथ नहीं मिला तो लोहे की रॉड से हमला करने का फैसला किया गया। संजीव ने नीचे स्टोर रूम से रॉड उठाकर एक-एक करके परिवार के सभी आठ सदस्यों की हत्या कर दी।
जानें पूरा घटनाक्रम
2004 : 31 मई को 2004 को कोर्ट ने सोनिया और संजीव को फांसी की सजा सुनाई।
2005 : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला।
2007 : सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए फांसी की सजा बहाल की।
2009 : सेशन कोर्ट ने ब्लैक वारंट जारी कर फांसी की तारीख तय की।
2012 : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दोनों की दया याचिका खारिज कर दी।
2014 - 15: सुप्रीम कोर्ट ने एक NGO की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि लंबे समय तक फांसी की प्रतीक्षा करने वाले कैदी “हर दिन मरते हैं”, इसलिए उनकी सजा को उम्रकैद में बदला जाए। इसी के तहत सोनिया और संजीव की फांसी उम्रकैद में बदली।
करीब 24 साल पुराने पूर्व विधायक रेलू राम पूनिया परिवार हत्याकांड में अंतरिम जमानत मिलने के बाद दोषी संजीव कुमार की रिहाई प्रक्रिया शुरू हो गई है। शुक्रवार को संजीव की मां राजबीरी देवी और चाचा राजेंद्र ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव कुमार की अदालत में 1-1 लाख रुपये के बेल बॉन्ड दाखिल किए। अदालत से बेल बॉन्ड स्वीकार होने के बाद संजीव के रिलीज ऑर्डर जेल प्रशासन को ईमेल के जरिए भेज दिए गए।
पूर्व विधायक रेलू राम पूनिया की बेटी सोनिया पूनिया के बेल बॉन्ड शुक्रवार को अदालत में दाखिल नहीं हो पाए। अधिवक्ता आर.एस. खटाना ने बताया कि अदालत में जल्द ही सोनिया की ओर से भी बेल बॉन्ड दाखिल किए जाएंगे, जिसके बाद उसका रिलीज ऑर्डर जारी किया जाएगा।
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