दिल्ली में बदली सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने यमुना के जल्द साफ होने की जताई उम्मीद, जानें क्या कहा

13 जनवरी 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में यमुना के पानी के जहरीले स्तर पर पहुंचने का संज्ञान लिया और यह सुनवाई शुरू की। कोर्ट ने इस मुद्दे पर 'रिवर यमुना मॉनिटरिंग कमेटी' से रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट ने साफ किया था कि वह सिर्फ यमुना ही नहीं बल्कि दूसरी नदियों की स्थिति पर भी विचार करेगी।

Feb 25, 2025 - 16:33
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दिल्ली में बदली सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने यमुना के जल्द साफ होने की जताई उम्मीद, जानें क्या कहा
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दिल्ली की नई रेखा गुप्ता सरकार बार-बार कह रही है कि यमुना की सफाई उसकी प्राथमिकता है। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी उम्मीद जताई है कि सरकार बदलने के बाद शायद इस समस्या का समाधान हो सके। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी यमुना समेत अन्य नदियों के प्रदूषण से जुड़े मामले पर सुनवाई के दौरान की। 13 जनवरी 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में यमुना के पानी के जहरीले स्तर पर पहुंचने का संज्ञान लिया और यह सुनवाई शुरू की। कोर्ट ने इस मुद्दे पर 'रिवर यमुना मॉनिटरिंग कमेटी' से रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट ने साफ किया था कि वह सिर्फ यमुना ही नहीं बल्कि दूसरी नदियों की स्थिति पर भी विचार करेगी।
कोर्ट ने साफ पानी को लोगों के मौलिक अधिकार का हिस्सा बताया था। मंगलवार 25 फरवरी को इस मामले की पहली सुनवाई जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने की। इससे पहले एक दूसरी बेंच इस पर सुनवाई कर रही थी। वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा एमिकस क्यूरी के तौर पर जजों के सामने पेश हुईं। उन्हें इस मामले में कोर्ट की मदद के लिए नियुक्त किया गया है।
एमिकस ने जजों को बताया कि पहले दिल्ली और हरियाणा के बीच यमुना जल बंटवारे और प्रदूषण को लेकर काफी विवाद हुआ करता था। इस पर जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने कहा, 'अब सरकार बदल गई है। बदले हालात में शायद सारे विवाद सुलझ सकते हैं। नदी की सफाई से जुड़ी योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू किया जा सकता है।' सुनवाई के अंत में कोर्ट ने अगली तारीख 4 मार्च तय की।
ध्यान रहे कि पिछले हफ्ते वायु प्रदूषण से जुड़े मामलों में सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने दिल्ली में सरकार बदलने के बाद सुधार की उम्मीद जताई थी। उस केस की एमिकस क्यूरी अपराजिता सिंह ने जस्टिस अभय एस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा था कि दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच खींचतान के कारण सुनवाई में बेवजह समय बर्बाद हुआ। जस्टिस ओका ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि निश्चित तौर पर सरकार बदलने से विवाद खत्म हो जाएगा। लेकिन सरकार को भी सक्रियता से काम करना होगा, तभी सकारात्मक बदलाव संभव हो पाएगा।

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