मूसलाधार बारिश के बाद उफान पर गंगा-यमुना, प्रयागराज में रिहायशी इलाकों में भरा पानी
बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर पहुँच गई हैं।
प्रयागराज में इन दिनों हालात बिगड़ते जा रहे हैं। एक तरफ गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर पहुँच गई हैं।
जलस्तर अभी भी बढ़ रहा है।
शनिवार सुबह हुई भारी बारिश के कारण, जो देर रात से शुरू हुई थी। भारी बारिश और बाढ़ की आशंका को देखते हुए शनिवार को कई निजी स्कूल बंद कर दिए गए। कई स्कूलों को राहत शिविरों में भी बदला जा रहा है, क्योंकि उनके आसपास के इलाके पानी में डूबने लगे हैं।
गंगा-यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान के करीब हैं, शहर में खतरे का स्तर 84.734 मीटर माना जाता है। शनिवार सुबह 8 बजे तक यमुना नदी का जलस्तर 84.70 मीटर तक पहुँच गया। यानी खतरे के बेहद करीब। वहीं, फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 84.68 मीटर और छतनाग में 84.05 मीटर हो गया है। पिछले 24 घंटों में गंगा और यमुना दोनों का जलस्तर लगभग डेढ़ मीटर बढ़ गया है।
कई मोहल्लों में पानी भर गया है प्रयागराज के कई मोहल्ले और गाँव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। खासकर शहर के छोटा बघाड़ा, सलोरी, राजापुर, म्योराबाद, बेली कछार, दारागंज, रसूलाबाद जैसे इलाकों में लोगों के घरों में पानी घुस गया है। कई लोगों को अपना घर छोड़कर ऊँचे स्थानों पर जाना पड़ा है।
सदर तहसील के 33 मोहल्ले और फूलपुर, करछना, सोरांव, मेजा तहसील के कई गाँव बाढ़ की चपेट में हैं। इनमें सराय मौज, फाफामऊ, झरियारी, सोनौटी, बदरा जैसे गाँव शामिल हैं। प्रशासन इन जगहों पर राहत कार्य में जुटा है लेकिन पानी लगातार बढ़ रहा है।
भारी बारिश और तूफान का अलर्ट जारी प्रशासन ने सचेत ऐप के ज़रिए अगले तीन घंटों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफान आने की भी आशंका है। मौसम विभाग ने इसे लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
स्कूल बंद, राहत शिविर तैयार बाढ़ के कारण न केवल कई इलाकों में पानी भर गया है, बल्कि कुछ स्कूलों को भी राहत शिविरों में तब्दील कर दिया गया है। इसका असर शिक्षा व्यवस्था पर भी पड़ा है। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई निजी स्कूलों ने शनिवार को छुट्टी घोषित कर दी है।
लोगों की मुश्किलें बढ़ीं, प्रशासन अलर्ट पर।
घरों में पानी घुसने से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरी करना मुश्किल हो गया है। प्रशासन ने कुछ जगहों पर नावें और राहत दल भेजे हैं, लेकिन स्थिति अभी पूरी तरह नियंत्रण में नहीं है। लोग बाढ़ से डरे हुए हैं और मौसम को लेकर चिंता में हैं।
अगर बारिश ऐसे ही जारी रही, तो हालात और बिगड़ सकते हैं। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है और राहत एवं बचाव कार्यों में तेज़ी लाई जा रही है।
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