मजीठिया केस में पूर्व DGP सिद्धार्थ चटोपाध्याय की एंट्री, पूर्व DGP ने दर्ज करवाया अपना बयान
उन्होंने मीडिया के सामने दावा किया है कि बिक्रम सिंह मजीठिया के ड्रग तस्करों से संबंध हैं। इसके 100 फीसदी पुख्ता सबूत हैं। ड्रग तस्करों से मिलीभगत और आर्थिक लाभ हुआ है।

पंजाब विजिलेंस ब्यूरो द्वारा ड्रग तस्करी और आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किए गए शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। आज इस मामले में पंजाब पुलिस के पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की एंट्री हुई है। उन्होंने मीडिया के सामने दावा किया है कि बिक्रम सिंह मजीठिया के ड्रग तस्करों से संबंध हैं। इसके 100 फीसदी पुख्ता सबूत हैं। ड्रग तस्करों से मिलीभगत और आर्थिक लाभ हुआ है।
उन्होंने स्पष्ट किया है कि वह आज बयान दर्ज कराने नहीं आए थे। जबकि वह विजिलेंस को मामले की पूरी पृष्ठभूमि बताने आए थे। उनके समय में जब 2021 में मजीठिया के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। उस समय वह डीजीपी थे। इसलिए उन्होंने मामले की निगरानी की थी। उन्होंने कहा कि उस समय हमें मामले में क्या जानकारी मिली थी। मैंने उन्हें इस मामले की पूरी पृष्ठभूमि बताई है। ताकि वह मामले को कोर्ट में मजबूती से रख सकें। पूर्व डीजीपी ने मीडिया को तीन मुख्य बातें बताई हैं, जो इस प्रकार हैं-
1. करीब एक घंटे तक विजिलेंस अफसरों से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए पूर्व डीजीपी ने कहा कि जब हमने 2021 में बिक्रम मजीठिया के खिलाफ केस दर्ज किया था। उस समय भी हमारे पास पुख्ता सबूत थे। इस समय भी सबूत हैं। उन्होंने कहा कि 2012-13 में मजीठिया के खिलाफ सबूत थे। लेकिन उस समय अकाली दल भाजपा की सरकार थी। उस समय मजीठिया मंत्री थे। ऐसे में कुछ नहीं हुआ। हालांकि उन्होंने कहा कि मजीठिया के ड्रग तस्करों से संबंध हैं।
2. पूर्व डीजीपी ने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पुलिस और ड्रग तस्करों पर नजर रखने के लिए एसआईटी बनाई थी। हमारी एसआईटी ने तीन रिपोर्ट दी थी। जबकि मैंने अलग से एक रिपोर्ट दी थी। वह अभी बंद है। उन्होंने कहा कि हर जगह कुछ लोग होते हैं, जो संस्था को बदनाम करते हैं। वहीं पुलिस में भी कुछ भेड़ें होती हैं। जो लोगों का शोषण करते हैं। बर्खास्त इंस्पेक्टर इंद्रप्रीत का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि उसके खिलाफ 15 जांच चल रही थी, जबकि 4 पर्चे थे। इसके बाद 4 प्रमोशन दिए गए। जबकि कांस्टेबल रैंक के एक व्यक्ति को उन्होंने प्रमोट करके इंस्पेक्टर बना दिया। उन्होंने दावा किया कि भगोड़े एआईजी राजजीत ने ड्रग्स से सब कुछ बनाया है।
3. पूर्व डीजीपी ने कहा कि एसआईटी के तौर पर हमारा काम हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश करना था, एसआईटी का चालान पेश करना हमारी जिम्मेदारी नहीं थी। हमें कुछ पुख्ता सबूत मिले थे। बाहर से भी पैसा आया था। फर्जी शेल कंपनियों में पैसा सर्कुलेट किया गया। यह एक अहम मामला है।
What's Your Reaction?






