बांग्लादेश की पूर्व PM खालिदा जिया का 80 वर्ष की आयु में निधन, जानें उनके जीवन के बारे में

उनके निधन की जानकारी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) जिनकी वह अध्यक्ष थीं ने एक बयान के माध्यम से दी। पार्टी ने कहा कि उन्हें फज्र की नमाज़ के बाद आख़िरी सांस लेते देखा गया और लोगों से उनकी आत्मा की शांति के लिए दुआ करने का अनुरोध किया गया।

Dec 30, 2025 - 07:17
Dec 30, 2025 - 07:37
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बांग्लादेश की पूर्व PM खालिदा जिया का 80 वर्ष की आयु में निधन, जानें उनके जीवन के बारे में

बांग्लादेश की दिग्गज नेता और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया (Khaleda Zia) का 30 दिसंबर 2025 को 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रही थीं और ढाका के एवरकेयर अस्पताल (Evercare Hospital) में इलाज के दौरान मंगलवार सुबह लगभग 6 बजे अंतिम सांस ली।

उनके निधन की जानकारी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) जिनकी वह अध्यक्ष थीं ने एक बयान के माध्यम से दी। पार्टी ने कहा कि उन्हें फज्र की नमाज़ के बाद आख़िरी सांस लेते देखा गया और लोगों से उनकी आत्मा की शांति के लिए दुआ करने का अनुरोध किया गया।

स्वास्थ्य स्थिति और इलाज

खालिदा जिया पिछले कई महीनों से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं। उन्हें 23 नवंबर 2025 को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के अनुसार, उन्हें लिवर सिरोसिस (Cirrhosis), आर्थराइटिस, डायबिटीज, साथ ही दिल और सीने की जटिलताएँ थीं, जिनकी वजह से उनकी हालत स्थिर नहीं हो पा रही थी।

उन्हें कुछ समय बाद वेंटिलेटर सपोर्ट पर भी रखा गया था क्योंकि उनकी स्थिति और जटिल होती जा रही थी। विदेश में इलाज कराने की कोशिशें भी संभव नहीं हो पाईं क्योंकि उनकी हालत बेहद नाजुक बनी रही।

राजनीतिक जीवन और विरासत

* खालिदा जिया 15 अगस्त 1945 को जन्मी थीं और बांग्लादेश की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा रही हैं। 
* वह बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की लंबे समय तक चेयरपर्सन रहीं और देश की प्रमुख विपक्षी नेता के रूप में जानी जाती थीं। 
* उन्होंने 1991–1996 और 2001–2006 के बीच दो बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में सेवा की इस प्रकार वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।
* बांग्लादेश की राजनीति में उनकी भागीदारी दशकों तक चली और उन्होंने अपने दौर में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्रतिक्रिया और राजनीतिक प्रभाव

उनके निधन को बांग्लादेशी राजनीति के एक महत्वपूर्ण अध्याय के अंत के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि वह देश की राजनीतिक स्थिति और विरोधी दलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आई थीं।

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि खालिदा जिया का जाना बांग्लादेश की राजनीतिक दिशा और भविष्य की भागीदारी पर प्रभाव डाल सकता है, खासकर BNP जैसी प्रमुख पार्टी के नेतृत्व में बदलाव के संदर्भ में।

राष्ट्रीय शोक और अंतिम संस्कार की तैयारी

खालिदा जिया के निधन के बाद बांग्लादेश में राष्ट्रीय शोक की लहर दौड़ गई। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने देशभर में तीन दिन के शोक की घोषणा की है। पार्टी कार्यालयों और नेताओं के आवासों पर झंडे आधे झुका दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, खालिदा जिया का जनाज़ा ढाका में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अदा किया जाएगा। अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को पार्टी मुख्यालय और फिर शहीद मीनार ले जाने की योजना है, ताकि आम लोग उन्हें अंतिम विदाई दे सकें।

भारत समेत अंतरराष्ट्रीय नेताओं की श्रद्धांजलि

खालिदा जिया के निधन पर भारत, पाकिस्तान, तुर्की और खाड़ी देशों के नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है। भारत के नेताओं ने उन्हें बांग्लादेश की लोकतांत्रिक राजनीति की एक मजबूत आवाज बताया। संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने भी उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि खालिदा जिया दक्षिण एशिया की उन चुनिंदा महिला नेताओं में शामिल थीं, जिन्होंने पुरुष-प्रधान राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई।

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