टॉयलेट सीट टैक्स पर पहले इंकार, अब इकरार... सरकार ने माना, नोटिफिकेशन की थी जारी

दिल्ली दौरे पर जब मीडिया ने सीएम सुक्खू से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है और यह डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री का विभाग है। हालांकि मुकेश अग्निहोत्री ने फोन पर बातचीत में कहा कि हमारी सरकार की ओर से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।

Oct 4, 2024 - 15:56
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टॉयलेट सीट टैक्स पर पहले इंकार, अब इकरार... सरकार ने माना, नोटिफिकेशन की थी जारी
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हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार के टॉयलेट सीट टैक्स लगाने के आदेश पर खूब हंगामा हो रहा है। अब राज्य सरकार इस मामले में सफाई दे रही है। सीएम सुखविंदर सिंह को पूरे मामले की जानकारी नहीं थी। हालांकि अब वह दिल्ली में पूरे विवाद पर सफाई दे रहे हैं। वहीं हिमाचल सरकार के अतिरिक्त सचिव ओंकार शर्मा ने भी विवाद बढ़ता देख सफाई दी है। क्योंकि यह अधिसूचना उन्हीं की ओर से जारी की गई थी।

दिल्ली दौरे पर जब मीडिया ने सीएम सुक्खू से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है और यह डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री का विभाग है। हालांकि मुकेश अग्निहोत्री ने फोन पर बातचीत में कहा कि हमारी सरकार की ओर से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। यह झूठा प्रचार है। शिमला में अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने भी विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि यह अधिसूचना 21 सितंबर को जारी की गई थी।

हालांकि सीवरेज शुल्क को लेकर जारी अधिसूचना उसी दिन वापस ले ली गई थी। इस पर डिप्टी सीएम की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई थी। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल को लेकर अधिसूचना जारी की गई थी। शिमला में सीवरेज शुल्क पहले से ही लिया जा रहा था। कुछ जगहों पर होटलों या कुछ संस्थानों के लिए ऐसा किया गया था और अब इस पर विवाद खड़ा हो गया है, जबकि यह पुरानी अधिसूचना है। ऐसे में जल्द ही नई अधिसूचना जारी की जाएगी।

क्या है सरकार का फैसला?

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई वाली सरकार ने प्रति शौचालय 25 रुपये शुल्क लेने का फैसला किया है। अगर किसी घर में एक शौचालय है तो 25 रुपये और अगर दो शौचालय हैं तो 50 रुपये देने होंगे। शौचालयों की गिनती शौचालय की सीट के आधार पर की जाएगी। यह शुल्क शहर और गांव के उन्हीं इलाकों में लिया जाएगा जहां सीवरेज सुविधा उपलब्ध है। जहां सीवरेज सुविधा नहीं है, वहां यह शुल्क नहीं लिया जाएगा। राज्य सरकार ने जनता को मुफ्त पानी देना भी बंद कर दिया है। लोगों को हर महीने पानी के लिए 100 रुपये किराया देना होगा। अब लोगों को पानी के साथ सीवरेज शुल्क भी देना होगा।

सीएम ने क्या कहा

दिल्ली में हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि टॉयलेट टैक्स जैसी कोई बात नहीं है मुझे समझ नहीं आता है कि ऐसी बातें क्यों उठाई जाती हैं, भाजपा ने चुनाव से पहले 5000 करोड़ की रेवड़ियां बाटी थी और पानी का मीटर फ्री कर दिया था। हमने 100 रुपये पर परिवार लेने की बात कही है और ये टॉयलेट टैक्स की कोई बात नहीं है, जो लोग ऐसी बातें कर रहे हैं, उन्हें पहले समझना चाहिए कि यह क्या है, फिर कुछ कहना चाहिए और राजनीतिक लाभ नहीं उठाना चाहिए।

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