दिल्ली कूच पर अड़े किसान, पुलिस ने रोकने के लिए किया वाटर कैनन का इस्तेमाल
लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें घग्गर नदी पर बने पुल पर रोक लिया। इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच काफी बहस भी हुई। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इसके अलावा आंसू गैस के गोले दागे गए।
शंभू बॉर्डर पर पिछले कई महीनों से किसान डेरा डाले हुए हैं, वे अपनी कुछ मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इसी बीच एक बार फिर किसानों ने आज (शनिवार) दिल्ली की ओर कूच करने की कोशिश की। लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें घग्गर नदी पर बने पुल पर रोक लिया। इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच काफी बहस भी हुई। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इसके अलावा आंसू गैस के गोले दागे गए।
किसानों के दिल्ली कूच से पहले ही शंभू बॉर्डर और उसके आसपास के 12 गांवों की इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। किसान आगे जाने का रास्ता मांग रहे हैं, जबकि पुलिस का कहना है कि किसान दिल्ली जाने की अनुमति दिखाएं और आगे बढ़ें। किसान अभी भी दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस की कार्रवाई में कई किसान घायल बताए जा रहे हैं। जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। शंभू बॉर्डर से आज दोपहर 12 बजे 101 किसानों का जत्था दिल्ली के लिए रवाना हुआ।
इससे पहले भी किसान दो बार दिल्ली कूच करने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन दोनों बार हरियाणा पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। किसान नेता सरवन सिंह पधेर ने कहा कि आंदोलन 306 दिनों से चल रहा है और जगजीत सिंह दल्लेवाल की भूख हड़ताल 18 दिनों से चल रही है। जगजीत सिंह दल्लेवाल की तबीयत लगातार बिगड़ रही है।
सरकार डिजिटल इमरजेंसी लगाने की तैयारी कर रही है- पढेर
शंभू बॉर्डर और उसके आसपास के इलाकों में इंटरनेट बंद किए जाने पर पधेर ने कहा कि सरकार हम पर डिजिटल इमरजेंसी लगाने की तैयारी कर रही है। हमारे सोशल मीडिया पेजों पर कार्रवाई की जा रही है। हमारी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि जब भी हमारा जत्था दिल्ली की तरफ आगे बढ़ता है तो हरियाणा पुलिस की तरफ से कार्रवाई की जाती है। किसानों पर हमला किया जाता है, इससे सरकार की पोल खुल रही है। हमारा संदेश देश के हर गांव तक पहुंच रहा है। इसी वजह से बौखलाई सरकार हमारे खिलाफ ऐसे कदम उठा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने सही बात कही- पढेर
किसान नेता पढेर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अच्छी बात कही है कि सरकार हमसे सीधे बात करे। किसानों पर बल प्रयोग न करे। हम दोनों मंचों पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर चर्चा करेंगे और बयान देंगे, लेकिन देखना यह है कि सरकार इन टिप्पणियों पर क्या करती है।
सुप्रीम कोर्ट ने किसानों पर रोक लगाने से किया इनकार
कल सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन को लेकर सुनवाई हुई। जिसमें किसान आंदोलन को खत्म करने की मांग की गई। जिस पर कोर्ट ने कहा कि हम ऐसा कोई आदेश नहीं देने जा रहे हैं जिससे किसान आंदोलन पर असर पड़े। वे शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं।
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