किसान संगठनों ने दिल्ली कूच पर फैसले के लिए बुलाई मीटिंग, HC के आदेश के बाद किसान संगठनों का ऐलान

Jul 11, 2024 - 13:24
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किसान संगठनों ने दिल्ली कूच पर फैसले के लिए बुलाई मीटिंग, HC के आदेश के बाद किसान संगठनों का ऐलान
किसान संगठनों ने दिल्ली कूच पर फैसले के लिए बुलाई मीटिंग, HC के आदेश के बाद किसान संगठनों का ऐलान
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एमएच वन न्यूज, चंडीगढ़: 

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से पिछले करीब 5 महीनों से बंद शंभू बॉर्डर खोले जाने को लेकर दिए गए आदेश के बाद किसान संगठनों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। 

किसान नेताओं ने कोर्ट के फैसले को अपने पक्ष में बताते हुए दिल्ली कूच बारे में फैसला 16 जुलाई को एक मीटिंग में लिए जाने की बात कही है। 

आंदोलन की अगुआई कर रहे किसान मजदूर मोर्चा के सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि हरियाणा सरकार बैरिकेड हटाती है तो उनकी ओर से भी रास्ता बंद नहीं होगा। दिल्ली जाने को लेकर फैसले के लिए 16 को मीटिंग बुलाई गई है।

हाईकोर्ट के फैसले के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसान पहले ही कह चुके हैं कि उनकी ओर से कोई रास्ता नहीं रोका गया है। अब कोर्ट के फैसले ने भी उनकी बात पर मुहर लगाई है। 

उन्होंने कहा कि वह कोर्ट के फैसले को लेकर अपने वकील सेबात कर रहे हैं और आदेश की कॉपी पढ़ने के बाद ही इस पर कोई फैसला लिया जाएगा। 

पंजाब की तरफ धरना दे रहे किसान

हरियाणा सरकार के एडवोकेट जनरल दीपक सबरवाल ने बताया कि बॉर्डर के पास 400 से 500 किसान धरना दे रहे हैं। हरियाणा सरकार को बैरिकेडिंग खोलने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही पंजाब सरकार को भी कोर्ट ने लॉ एंड ऑर्डर को लेकर निर्देश दिए है।

मंत्री और जनता ने की थी मांग

हरियाणा के परिवहन मंत्री असीम गोयल ने भी महीनों से बंद पड़े शंभू बॉर्डर को खुलवाने के लिए केंद्रीय मंत्री शिवराज चौहान से मुलाकात की थी। उस दौरान उन्होंने बॉर्डर बंद होने के कारण जनता को होने वाली दिक्कतों की भी जानकारी दी थी। 

इसके अलावा स्थानीय व्यापारी भी अनेक बार बॉर्डर खुलवाने की मांग कर चुके हैं। साथ ही कांग्रेस की ओर से भी बॉर्डर खुलवाने की मांग को लेकर हाल ही में प्रदर्शन भी किया गया था। 

व्यापार पर पड़ रहा असर

बता दें कि अंबाला के नजदीक शंभू गांव के बॉर्डर के पास पंजाब की ओर किसान पिछले करीब 5 माह से धरना दे रहे हैं। यहां पर चंडीगढ़-दिल्ली नेशनल हाइवे कंक्रीट की दीवार और बैरिकेड की वजह से बंद है और लोगों को अंबाला-चंडीगढ़ आने जाने में परेशानी हो रही है। इसके अलावा अंबाला में व्यापार पर भी असर पड़ रहा है। ऐसे में हाईकोर्ट का फैसला आम लोगों के लिए राहत भरा है।

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