334 राजनीतिक दलों का चुनाव आयोग ने रजिस्ट्रेश किया रद्द, जानें वजह
चुनाव आयोग ने शनिवार (9 अगस्त) को चुनावी व्यवस्था को शुद्ध करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए 334 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPP) को अपनी पंजीकृत सूची से हटा दिया। कर छूट जैसे विशेषाधिकार और लाभ प्राप्त करने वाले इन दलों ने 2019 से अब तक पिछले 6 वर्षों में एक भी चुनाव लड़ने की अनिवार्य शर्त पूरी नहीं की, जिसके मद्देनजर आयोग ने इन दलों को पंजीकृत सूची से हटा दिया।
ये RUPP देश भर के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित हैं। देश के सभी राजनीतिक दल (राष्ट्रीय/राज्य/RUPP) जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29A के प्रावधानों के तहत चुनाव आयोग में पंजीकृत हैं। इस प्रावधान के तहत, जब कोई संगठन राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत होता है, तो उसे कर छूट जैसे कुछ विशेषाधिकार और लाभ प्राप्त होते हैं।
2019 के बाद कोई चुनाव नहीं लड़ा
यह प्रक्रिया राजनीतिक व्यवस्था को स्वच्छ बनाने और ऐसे दलों को सूची से हटाने के उद्देश्य से शुरू की गई है जिन्होंने 2019 के बाद से कोई लोकसभा या राज्य-केंद्र शासित प्रदेश विधानसभा या उपचुनाव नहीं लड़ा है और जिनका वास्तव में पता नहीं लगाया जा सका है। राजनीतिक व्यवस्था में शुद्धता लाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है।
चुनाव आयोग ने जून में इस दिशा में कदम उठाए थे। तब यह देखा गया था कि चुनाव आयोग में पंजीकृत 3,000 से ज़्यादा RUPP में से लगभग साढ़े 300 अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की अनिवार्य शर्त पूरी नहीं कर रहे थे। इसके बाद आयोग ने ऐसे RUPP की पहचान के लिए देशव्यापी अभियान शुरू किया, जिसके बाद ऐसे 345 RUPP की पहचान की गई।
आरयूपीपी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश
यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी दल अनुचित रूप से सूची से बाहर न रह जाए, संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को ऐसे RUPP को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। जिसके बाद संबंधित मुख्य कार्यकारी अधिकारियों द्वारा इन दलों को सुनवाई के माध्यम से एक अवसर दिया गया। सभी का पक्ष जानने के बाद यह बात सामने आई कि 334 दलों ने पिछले 6 वर्षों में एक भी चुनाव नहीं लड़ा है। ऐसे में उनकी पार्टी को सूची में शामिल नहीं किया जा सकता।
'तो इसे पंजीकृत दलों की सूची से हटा दिया जाएगा...'
अब देश में 6 राष्ट्रीय दल, 67 राज्य स्तरीय दल और 2854 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल हैं। चुनाव आयोग का कहना है कि उसकी ओर से यह प्रक्रिया जारी रहेगी। सभी राजनीतिक दलों के पंजीकरण के दिशानिर्देश स्पष्ट हैं और यदि कोई दल लगातार 6 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ता है, तो उसे पंजीकृत दलों की सूची से हटा दिया जाएगा।
दल 30 दिनों के भीतर अपील दायर कर सकते हैं।
इसके अलावा, दलों को पंजीकरण के समय नाम, पता, पदाधिकारी आदि का विवरण देना होगा और किसी भी बदलाव की सूचना आयोग को बिना किसी देरी के देनी होगी। हटाए गए RUPP अब जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 29B और धारा 29C के प्रावधानों के तहत कोई भी लाभ प्राप्त करने के पात्र नहीं होंगे। हालाँकि, प्रभावित पक्ष द्वारा आयोग के इस आदेश के विरुद्ध 30 दिनों के भीतर अपील की जा सकती है।
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