UP के सभी मंडलों में खुलेंगे दिव्यांग पुनर्वास केंद्र, CM योगी ने दिए निर्देश
CM ने निर्देश दिया कि ये केंद्र फिजियोथेरेपी, व्यावसायिक चिकित्सा, स्पीच थेरेपी, मनोवैज्ञानिक परामर्श, ऑर्थोटिक और प्रोस्थेटिक सेवाएं तथा उपकरण वितरण सहित सभी आवश्यक सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराएँ, ताकि दिव्यांगजनों को अलग-अलग संस्थानों के चक्कर न लगाने पड़ें।
मुख्यमंत्री ने प्रत्येक संभागीय मुख्यालय पर अत्याधुनिक पुनर्वास केंद्र विकसित करने का आह्वान किया, जहाँ दिव्यांगजन एक ही छत के नीचे चिकित्सा, शैक्षिक, मनोवैज्ञानिक और व्यावसायिक सहायता प्राप्त कर सकें। उन्होंने निर्देश दिया कि ये केंद्र फिजियोथेरेपी, व्यावसायिक चिकित्सा, स्पीच थेरेपी, मनोवैज्ञानिक परामर्श, ऑर्थोटिक और प्रोस्थेटिक सेवाएं तथा उपकरण वितरण सहित सभी आवश्यक सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराएँ, ताकि दिव्यांगजनों को अलग-अलग संस्थानों के चक्कर न लगाने पड़ें।
जिलों में संचालित केंद्र होंगे मॉडल के रूप में विकसित
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जिन जिलों में दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र पहले से ही संचालित हैं, उन्हें सुदृढ़ करके आदर्श केंद्रों के रूप में विकसित किया जाए। जिन क्षेत्रों में वर्तमान में केंद्र मौजूद हैं, वहाँ प्राथमिकता के आधार पर स्थानीय जिला या सरकारी अस्पतालों के परिसर में इन केंद्रों की स्थापना की जाए। यदि अस्पताल परिसर में पर्याप्त जगह की कमी है, तो अलग से भवन की व्यवस्था की जाएगी। इससे चिकित्सा सुविधाओं के साथ सहज समन्वय स्थापित होगा और दिव्यांगजनों को व्यापक सेवाओं का लाभ मिल सकेगा।
37 जिलों में संचालित हैं पुनर्वास केंद्र, अब हर मंडल में होगा विस्तार
बैठक में बताया गया कि वर्तमान में राज्य के 37 जिलों में दिव्यांग पुनर्वास केंद्र संचालित हैं, जिनमें से 11 संभागीय मुख्यालयों पर स्थित हैं। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब सभी संभागीय मुख्यालयों को इस सुविधा से जोड़ा जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि दिव्यांगजनों को बेहतर सेवाएँ प्रदान करने के लिए इन केंद्रों में तकनीकी संसाधनों और विशेषज्ञ मानव संसाधन को और सुदृढ़ किया जाए।
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