डेंटल सर्जन की सरकार को चेतावनी, 31 जुलाई तक मांगे पूरी नहीं होने पर हड़ताल का अल्टीमेटम
हरियाणा में दो दिन चली सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल को तो सरकार ने बातचीत के जरिए खत्म करा दिया था, लेकिन एनएचएम कर्मचारी अभी भी हड़ताल पर है।
हरियाणा में दो दिन चली सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल को तो सरकार ने बातचीत के जरिए खत्म करा दिया था, लेकिन एनएचएम कर्मचारी अभी भी हड़ताल पर है। इसी बीच अब डेंटल सर्जनों ने भी सरकार को चेतावनी देते हुए मांगे पूरी करने के लिए 31 जुलाई तक का समय दिया है। मांगे पूरी नहीं होने पर डेंटल सर्जनों ने हड़ताल पर जाने की बात कही है।
16 साल से लंबित हैं मांगें
रोहतक में हेल्थ केयर डिलिवरी सिस्टम (HCDS) की बैठक का आयोजन किया गया। इसमें रोहतक, झज्जर, भिवानी, सोनीपत और जींद जिलों के दंत चिकित्सकों, वरिष्ठ दंत चिकित्सकों, उप चिकित्सा अधीक्षकों और उप सिविल सर्जनों ने हिस्सा लिया। बैठक को संबोधित करते हुए एचसीडीएस के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. रमेश पांचाल ने कहा कि डेंटल सर्जन के साथ वेतन को लेकर भेदभाव किया जाता है। उनकी मांगों को पिछले 16 साल से पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि मेडिकल ऑफिसर और डेंटल सर्जन एक जैसा काम होता है, फिर दोनों को वेतन अलग होता है।
क्या है इनकी मांगें
डॉ. रमेश पांचाल ने यह भी कहा कि डेंटल सर्जनों को 5 साल में 100 फीसदी वेतन, 11 साल में 25 फीसदी वेतन तथा 17 साल बाद तीसरी एसीपी में सिर्फ 20 फीसदी वेतन मिलता है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पद के प्रमोशन को लेकर भी आवाज उठाई थी। उनका कहना है कि डेंटल सर्जन के बाद प्रमोशन में सीनियर डेंटल सर्जन और डिप्टी सिविल सर्जन का ही पद है, उसके बाद डायरेक्टर का है, जबकि लंबे समय से मांग है कि डेंटल सर्जन के लिए भी डिप्टी डायरेक्टर का पद भी बनाया जाए।
हड़ताल करने की चेतावनी दी
डॉ. पंचाल ने कहा कि सरकार को डेंटल सर्जन ने 31 जुलाई तक का समय दिया है। सरकार को उनकी मांगे पूरी करनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो वह काले बिल्ले लगाकर काम करेंगे। इसके बाद वह हड़ताल करेंगे, फिर भूख हड़ताल करेंगे। इसके बाद भी अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो काम को ठप कर देंगे।
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