HSGP अधिनियम, 2014 में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने की तैयारी

Aug 6, 2024 - 12:15
 19
HSGP अधिनियम, 2014 में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने की तैयारी
HSGP अधिनियम, 2014 में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने की तैयारी

एमएच वन ब्यूरो, चंडीगढ़:

हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) अधिनियम, 2014 में संशोधन करने के लिए हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) संशोधन अध्यादेश, 2024 के प्रारूप को मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रस्तावित ड्राफ्ट अध्यादेश के अनुसार अब हरियाणा सिख गुरुद्वारा न्यायिक आयोग का अध्यक्ष उच्च न्यायालय का न्यायाधीश होगा। यदि उसे नियुक्त किया जाता है, और यदि उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त नहीं किया जाता है, तो जिला न्यायाधीश को  नियुक्त किया जा सकता है। 

अगर जिला न्यायाधीश को भी आयोग का अध्यक्ष नियुक्त नहीं किया जाता है, तो आयोग के तीन चयनित सदस्यों में से एक को वरिष्ठता (यह वरिष्ठता सेवा में रहने की हो या बार में प्रेक्टिस की ) के आधार पर अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा। ड्राफ्ट के अनुसार अध्यक्ष या सदस्य का कार्यकाल उसके कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्ष होगा।

वर्तमान में अध्यक्ष को इस योग्यता के साथ नियुक्त किया जाता है कि उसकी सेवानिवृत्ति या इस्तीफे के समय, वह एक जिला न्यायाधीश था और उसकी सेवानिवृत्ति पर इस रूप में 10 वर्ष से कम का कार्यकाल नहीं था। हरियाणा सिख गुरुद्वारा न्यायिक आयोग एक अर्ध-न्यायिक प्राधिकरण है, जिसके निर्णय अंतिम होते हैं। गुरुद्वारा संपत्ति, उसके फंड तथा गुरुद्वारा कमेटी, कार्यकारी बोर्ड या किसी अन्य संस्था के बीच चल रहे  झगड़ों से संबंधित विवादों का निर्णय आयोग द्वारा किया जाना है। 

इसलिए यह उचित समझा गया है कि आयोग के सदस्य और अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के लिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पर भी विचार किया जाना चाहिए। इसके अलावा, अध्यादेश में धारा-46 की उप-धारा (1) के खंड (iv) में दी गई 65 वर्ष की आयु की ऊपरी सीमा को भी हटा दिया गया है। उक्त संशोधन वर्ष 2014 के हरियाणा अधिनियम 22 की धारा 46 में किया गया है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow